नई दिल्ली:
बिहार की अदालत ने फ़िल्म अभिनेता सनी देओल, फ़िल्म निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी और लेखक काशीनाथ सिंह सहित अन्य लोगों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। मुजफ्फ़रपुर के एसीजेएम रामचंद्र प्रसाद ने अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा दायर शिकायत की सुनवाई के बाद काजी मुहम्मदपुर थाना प्रभारी को सनी देओल सहित फ़िल्म से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
याचिका में अभिनेता रवि किशन, अभिनेत्री साक्षी तंवर, सह अभिनेता सौरभ शुक्ला, मुकेश तिवारी, राजेंद्र गुप्ता और विजय तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है। 'मोहल्ला अस्सी' में आपत्तिजनक दृश्य फ़िल्माने और हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
वहीं, वाराणसी, बरनाला और मुज़फ्फरनगर में फ़िल्म के खिलाफ़ हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए हैं। दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने देश भर में फ़िल्म की रिलीज़ पर पहले ही रोक लगा रखी है। मुज़फ्फरनगर में विश्व हिंदू परिषद ने फ़िल्म को सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं करने की धमकी दी है। वीएचपी के ज़िला अध्यक्ष ने एनडीटीवी से कहा कि अगर फ़िल्म को मुज़फ्फरनगर में रिलीज़ किया गया तो वो सिनेमाघरों को नुकसान पहुंचाएंगे।
वहीं, बरनाला और वाराणसी में भी फ़िल्म के हीरो सनी देओल, अभिनेत्री साक्षी तंवर, निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हुई है।
इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ़िल्म के खिलाफ़ दायर याचिका पर सेंसर बोर्ड से जवाब मांगा था, जिस पर सेंसर बोर्ड ने कहा कि फ़िल्म सर्टिफ़िकेट के लिए उन तक अभी पहुंची नहीं है। ये फ़िल्म मशहूर लेखक डॉ. काशीनाथ सिंह के मशहूर उपन्यास 'काशी का अस्सी' पर आधारित है।
हाल ही में फ़िल्म का ट्रेलर इंटरनेट पर लीक हुआ था। हालांकि फ़िल्म पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुई है। फ़िल्मकार की मानें तो फ़िल्म के बड़े हिस्से की डबिंग बाकी है। लीक ट्रेलर में भगवान शिव द्वारा बोले जा रहे अपशब्द पर हिंदू संगठन फ़िल्म की टीम के खिलाफ़ पुलिस थाने और अदालतों का रुख कर रहे हैं। वहीं, अधूरी फ़िल्म 'मोहल्ला अस्सी' पर जारी हंगामे को देखते हुए फ़िल्मकार ने कहा है कि वो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़िल्म देखकर फ़ैसला लेने को कहेंगे।
याचिका में अभिनेता रवि किशन, अभिनेत्री साक्षी तंवर, सह अभिनेता सौरभ शुक्ला, मुकेश तिवारी, राजेंद्र गुप्ता और विजय तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है। 'मोहल्ला अस्सी' में आपत्तिजनक दृश्य फ़िल्माने और हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
वहीं, वाराणसी, बरनाला और मुज़फ्फरनगर में फ़िल्म के खिलाफ़ हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए हैं। दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने देश भर में फ़िल्म की रिलीज़ पर पहले ही रोक लगा रखी है। मुज़फ्फरनगर में विश्व हिंदू परिषद ने फ़िल्म को सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं करने की धमकी दी है। वीएचपी के ज़िला अध्यक्ष ने एनडीटीवी से कहा कि अगर फ़िल्म को मुज़फ्फरनगर में रिलीज़ किया गया तो वो सिनेमाघरों को नुकसान पहुंचाएंगे।
वहीं, बरनाला और वाराणसी में भी फ़िल्म के हीरो सनी देओल, अभिनेत्री साक्षी तंवर, निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हुई है।
इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ़िल्म के खिलाफ़ दायर याचिका पर सेंसर बोर्ड से जवाब मांगा था, जिस पर सेंसर बोर्ड ने कहा कि फ़िल्म सर्टिफ़िकेट के लिए उन तक अभी पहुंची नहीं है। ये फ़िल्म मशहूर लेखक डॉ. काशीनाथ सिंह के मशहूर उपन्यास 'काशी का अस्सी' पर आधारित है।
हाल ही में फ़िल्म का ट्रेलर इंटरनेट पर लीक हुआ था। हालांकि फ़िल्म पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुई है। फ़िल्मकार की मानें तो फ़िल्म के बड़े हिस्से की डबिंग बाकी है। लीक ट्रेलर में भगवान शिव द्वारा बोले जा रहे अपशब्द पर हिंदू संगठन फ़िल्म की टीम के खिलाफ़ पुलिस थाने और अदालतों का रुख कर रहे हैं। वहीं, अधूरी फ़िल्म 'मोहल्ला अस्सी' पर जारी हंगामे को देखते हुए फ़िल्मकार ने कहा है कि वो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़िल्म देखकर फ़ैसला लेने को कहेंगे।
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