जीएसटी के अतिरिक्त 10 प्रतिशत कर के विरोध में तमिल फिल्मों की रिलीज शुक्रवार के बाद बंद कर दी जाएगी.
तमिलनाडु फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल ने फैसला कर लिया है कि वे सरकार से टक्कर लेंगे. उन्होंने बुधवार को कहा कि शुक्रवार के बाद से कोई भी नई तमिल फिल्म तब तक जारी नहीं होगी जब तक कि राज्य सरकार जीएसटी के अलावा 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर नहीं हटा देती.
प्रोड्यूसर्स काउंसिल के अध्यक्ष विशाल ने एक बयान में कहा, "इस सप्ताह कोई भी नई तमिल फिल्म रिलीज नहीं होगी, क्योंकि हमें लगता है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अलावा अतिरिक्त 10 प्रतिशत लोकल बॉडी एंटरटेंमेंट टैक्स (एलबीईटी) उद्योग को बर्बाद कर देगा."
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मल्टीप्लेक्सिज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने मंगलवार को पीवीआर और आईएनओएक्स जैसे मल्टीप्लेक्सिज को दोहरे कराधान के खिलाफ मल्टीप्लेक्स बंद रखने का निर्देश दिया.
एमएआई से जारी बयान के मुताबिक, "चेन्नै में मौजूद सभी मल्टीप्लेक्सिज ने घोषणा की है कि वे बुधवार से हड़ताल पर जा रहे हैं." विशाल ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार हैं.
VIDEO : काजोल एक बार फिर साउथ की फिल्म में
उन्होंने कहा, "विभिन्न हितधारक पहले ही अपनी स्थिति सरकार को समझा चुके हैं. दुर्भाग्य से, टिकट की कीमतों को नियंत्रित किए बिना 10 प्रतिशत कर लगाया गया है. इससे निर्माताओं का नुकसान बढ़ेगा. साथ ही भ्रम की स्थिति में इजाफा होगा."
(इनपुट आईएएनएस से)
प्रोड्यूसर्स काउंसिल के अध्यक्ष विशाल ने एक बयान में कहा, "इस सप्ताह कोई भी नई तमिल फिल्म रिलीज नहीं होगी, क्योंकि हमें लगता है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अलावा अतिरिक्त 10 प्रतिशत लोकल बॉडी एंटरटेंमेंट टैक्स (एलबीईटी) उद्योग को बर्बाद कर देगा."
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मल्टीप्लेक्सिज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने मंगलवार को पीवीआर और आईएनओएक्स जैसे मल्टीप्लेक्सिज को दोहरे कराधान के खिलाफ मल्टीप्लेक्स बंद रखने का निर्देश दिया.
एमएआई से जारी बयान के मुताबिक, "चेन्नै में मौजूद सभी मल्टीप्लेक्सिज ने घोषणा की है कि वे बुधवार से हड़ताल पर जा रहे हैं." विशाल ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार हैं.
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उन्होंने कहा, "विभिन्न हितधारक पहले ही अपनी स्थिति सरकार को समझा चुके हैं. दुर्भाग्य से, टिकट की कीमतों को नियंत्रित किए बिना 10 प्रतिशत कर लगाया गया है. इससे निर्माताओं का नुकसान बढ़ेगा. साथ ही भ्रम की स्थिति में इजाफा होगा."
(इनपुट आईएएनएस से)
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