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This Article is From Mar 23, 2012

कुल मिलाकर एन्टरटेनिंग है 'एजेंट विनोद'

दरअसल फिल्म देखते वक्त आपको दिमाग से ज़्यादा दिल पर यकीन करना पड़ेगा, जैसे आप बॉन्ड फिल्म देखते वक्त करते हैं... इसके लिए हमारी रेटिंग है - 3 स्टार...
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मुंबई: सैफ अली खान की बहुप्रतीक्षित होम प्रोडक्शन फिल्म 'एजेंट विनोद' रिलीज़ हो गई है... कहानी यह है कि रूस मे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक जासूस का खून हो जाता है, और केस सुलझाने के लिए रॉ के दूसरे एजेंट विनोद, यानि सैफ अली खान को भेजा जाता है, जिसे पता चलता है कि न्यूक्लियर बम से हमले की साजिश चल रही है।

अब 'एजेंट विनोद', यानि इंडियन जेम्स बॉन्ड, बॉन्ड जैसे ही कपड़ों और स्टाइल के साथ पासपोर्ट और वीज़ा की फिक्र किए बगैर वर्ल्ड टूर पर रहता है... दुश्मन के मारने पर वह मरता नहीं, या शायद दुश्मन उसे ढंग से नहीं मारता... हर बार... लेकिन यह क्या, स्पाई कैमरे और स्मार्टफोन को छोड़ दें तो हाईफाई गैजेट्स के मामले में 'एजेंट विनोद' बॉन्ड के मुकाबले काफी गरीब नज़र आता है...

खैर करीना कपूर पाकिस्तानी डॉक्टर बनी हैं, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कैसे वह जासूस बनकर खरतनाक हत्यारों के बीच अपनी लाइफ को मैनेज कर रही हैं... डॉक्टर बुरी तरह घायल है, लेकिन बिल्डिंग का शीशा तोड़कर आवाज़ लगाती है, जिसे सुनकर आधा किलोमीटर दूर खड़े एजेंट हरकत में आ जाते हैं... यही है पूरी फिल्म का सबसे कमज़ोर और कन्फ्यूज़्ड कैरेक्टर...

'एजेंट विनोद' के हेलीकॉप्टर में रखा न्यूक्लियर बम फटने वाला है, लेकिन वह लेडी डॉक्टर से इमोशनल बातें करने में बिज़ी है... तभी पता नहीं कैसे, इस लेडी डॉक्टर को न्यूक्लियर बम का पासवर्ड याद आ जाता है...

'एजेंट विनोद' की कहानी एवरेज है... शायद इसीलिए डायरेक्टर श्रीराम राघवन ने फिल्म कुछ इस तरह बनाई है कि लोग कन्फ्यूज़ होकर इस पर भरोसा कर लें... और इसीलिए बेहद स्टाइलिश एडिटिंग के साथ तेज़ी से कहानी को घुमाया गया, जो एन्गेज रखता है... मोरक्को, लातविया, अफगानिस्तान और रूस की खूबसूरत लोकेशन्स पर अच्छा एक्शन है... क्लाईमैक्स में भी जान है... 'राब्ता' जैसे गीतों के साथ म्यूज़िक तो पहले ही हिट है, लेकिन सबसे अच्छी बात है, 'एजेंट विनोद' के मज़ेदार और इन्टेलिजेंट डायलॉग्स, जो हंसाए बगैर नहीं रहेंगे...

फिर ऐसा क्या है, जिससे फिल्म पाकिस्तान में बैन कर दी गई... शायद इसलिए, क्योंकि फिल्म में निशाने पर भारत है और साजिश रचने वालों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कुछ एजेन्ट्स शामिल हैं... हालांकि बैलेन्सिंग एक्ट दिखाते हुए सैफ ने साजिश में कुछ भारतीय भी शामिल दिखाए हैं, लेकिन पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड यकीन नहीं कर पाया... दरअसल फिल्म देखते वक्त आपको दिमाग से ज़्यादा दिल पर यकीन करना पड़ेगा, जैसे आप बॉन्ड फिल्म देखते वक्त करते हैं... 'एजेंट विनोद' टोटैलिटी (totallity) में एन्टरटेनिंग पैकेज है, और इसके लिए हमारी रेटिंग है - 3 स्टार...

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