'जब हैरी मेट सेजल' और 'इंदू सरकार' दोनों ही सेंसर बोर्ड की आपत्तियां झेल चुकी हैं.
नई दिल्ली:
डायरेक्टर अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' विवादों, बैन और अदालत के दखल के बाद आखिरकार शुक्रवार को रिलीज हो रही है. विदेशों में काफी तारीफें लूट चुकी यह फिल्म अब भारतीय दर्शकों के सामने आ रही है. वैसे तो इस फिल्म पर पहले ही 'महिलावादी' होने का ठप्पा लग चुका है, लेकिन हाल ही में स्पेशल स्क्रीनिंग के तहत इस फिल्म को देखकर कई सितारों ने इस फिल्म को 'फनी' और 'सच्चाई पर आधारित' फिल्म बताया है. दरअसल केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म के निर्माता प्रकाश झा को एक लेटर भेजा था जिसमें इस फिल्म को प्रमाणित नहीं किए जाने के कारण में 'फिल्म की कहानी महिला केंद्रित होना और उनकी जीवन से परे फैंटेसियों पर आधारित होना' बताया था.
पिछले कुछ महीनों में सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी की कैंची का शिकार हुई यह अकेली फिल्म नहीं है जिसने इतनी सुर्खियां बटोरी हैं. चाहें शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की आने वाली फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' के डॉयलोग में इस्तेमाल शब्द 'इंटरकोर्स का विवाद हो, या फिर मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदू सरकार' में 14 कट करने की बात हो, सेंसर बोर्ड के चलते कई फिल्मों ने सुर्खियां बटोरी हैं. नजर डालते हैं ऐसी ही कुछ खबरों पर :
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जब हैरी मेट सेजल: सेंसर बोर्ड के चीफ पहलाज निहलानी को इम्तियाज अली निर्देशित फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' के एक डायलॉग में इस्तेमाल किए गए शब्द 'इंटरकोर्स' पर आपत्ति हुई. जिसके बाद निहलानी और सेंसर बोर्ड, सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल होने लगें. दरअसल यह डायलॉग इस फिल्म के रिलीज किए गए दूसरे मिनी ट्रेलर में इस्तेमाल किया गया है. पहलाज निहलानी का कहना है, 'हम इंटरनेट पर कंटेंट को रोक नहीं सकते. लेकिन हम अनसेंसर्ड कंटेंट को टीवी पर जाने से रोक सकते हैं और रोकेंगे भी.' हालांकि इसके बाद खुद शाहरुख खान यह कह चुके हैं कि उनकी फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है.
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इंदू सरकार : देश में 1975 में लगाई गई इमरजेंसी पर आधारित निर्देशक मुधर भंडारकर की फिल्म 'इंदू सरकार' भी सेंसर की कैंची की शिकार नजर आ रही है. सीबीएफसी की समिति ने इस फिल्म में 14 कट लगाने को कहा है, जिसके बाद मधुर भंडारकर काफी परेशान हैं. दरअसल उनका कहना है, 'मैं कुछ भी बदलाव नहीं करना चाहता, क्योंकि इससे मेरी फिल्म का सार प्रभावित हो सकता है. हम पुनरीक्षण समिति के पास जाएंगे.' फिल्म में नील नितिन मुकेश, कीर्ति कुलहरि, सुप्रिया विनोद, अनुपम खेर और तोता रॉय चौधरी जैसे कलाकार हैं.
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अमर्त्य सेन की डॉक्यूमेंट्री : हाल ही में सेंसर बोर्ड नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'द अगुमेंटिव इंडियन' को लेकर फिर चर्चा का विषय बना था. दरअसल सेंसर बोर्ड को इस डॉक्यूमेंट्री में इस्तेमाल हुए शब्द 'गाय', 'गुजरात', 'हिंदू भारत' और 'हिंदुत्व' शब्दों के प्रयोग पर आपत्ति जताई और इन शब्दों को फिल्म में म्यूट करने को कहा. हालांकि विवादों के बाद भी फिल्मकार सुमन घोष ने इस डॉक्यूमेंट्री का एक ट्रेलर इंटरनेट पर अपलोड भी कर दिया है. डॉक्यूमेंट्री निर्माता सुमन घोष ने अमर्त्य सेन द्वारा दिए साक्षात्कार के दौरान प्रयोग हुए इन चार शब्दों को 'द अर्गुमेंटेटिव इंडियन' में म्यूट करने से मना कर दिया, जिसके बाद सेंसर बोर्ड को फिल्म की रिलीज रोक दी है.
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फुल्लू : हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'फुल्लू' के चलते भी सेंसर बोर्ड लोगों की आलोचना का शिकार हो चुका है. महिलाओं की मासिक धर्म की समस्या पर बनी इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने 'ए' सर्टिफिकेट देकर सारी अंगुलियां अपनी तरफ मोड़ ली थीं. 'ए' सर्टिफिकेट दिए जाने पर सोशल मीडिया में लोगों ने इस बात पर नाराजगी जतायी है कि इस फिल्म को आखिर 'ए' सर्टिफिकेट किस आधार पर दिया गया है. एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, 'मासिक धर्म से जुड़ी शिक्षा किशोरियों के लिए ही सबसे ज्यादा जरूरी है तो इस फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट क्यों दिया गया है.'
देखें वीडियो : अनुराग कश्यप अपनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' के लिए सेंसर बोर्ड से लोहा ले चुके हैं.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
पिछले कुछ महीनों में सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी की कैंची का शिकार हुई यह अकेली फिल्म नहीं है जिसने इतनी सुर्खियां बटोरी हैं. चाहें शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की आने वाली फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' के डॉयलोग में इस्तेमाल शब्द 'इंटरकोर्स का विवाद हो, या फिर मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदू सरकार' में 14 कट करने की बात हो, सेंसर बोर्ड के चलते कई फिल्मों ने सुर्खियां बटोरी हैं. नजर डालते हैं ऐसी ही कुछ खबरों पर :
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जब हैरी मेट सेजल: सेंसर बोर्ड के चीफ पहलाज निहलानी को इम्तियाज अली निर्देशित फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' के एक डायलॉग में इस्तेमाल किए गए शब्द 'इंटरकोर्स' पर आपत्ति हुई. जिसके बाद निहलानी और सेंसर बोर्ड, सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल होने लगें. दरअसल यह डायलॉग इस फिल्म के रिलीज किए गए दूसरे मिनी ट्रेलर में इस्तेमाल किया गया है. पहलाज निहलानी का कहना है, 'हम इंटरनेट पर कंटेंट को रोक नहीं सकते. लेकिन हम अनसेंसर्ड कंटेंट को टीवी पर जाने से रोक सकते हैं और रोकेंगे भी.' हालांकि इसके बाद खुद शाहरुख खान यह कह चुके हैं कि उनकी फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है.
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अमर्त्य सेन की डॉक्यूमेंट्री : हाल ही में सेंसर बोर्ड नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'द अगुमेंटिव इंडियन' को लेकर फिर चर्चा का विषय बना था. दरअसल सेंसर बोर्ड को इस डॉक्यूमेंट्री में इस्तेमाल हुए शब्द 'गाय', 'गुजरात', 'हिंदू भारत' और 'हिंदुत्व' शब्दों के प्रयोग पर आपत्ति जताई और इन शब्दों को फिल्म में म्यूट करने को कहा. हालांकि विवादों के बाद भी फिल्मकार सुमन घोष ने इस डॉक्यूमेंट्री का एक ट्रेलर इंटरनेट पर अपलोड भी कर दिया है. डॉक्यूमेंट्री निर्माता सुमन घोष ने अमर्त्य सेन द्वारा दिए साक्षात्कार के दौरान प्रयोग हुए इन चार शब्दों को 'द अर्गुमेंटेटिव इंडियन' में म्यूट करने से मना कर दिया, जिसके बाद सेंसर बोर्ड को फिल्म की रिलीज रोक दी है.
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