देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा. पिछले तीनों कार्यक्रम देश की आज़ादी से जुड़े हैं, और यह भी एक कारण है कि कांग्रेस ने शुक्रवार रात के कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान किया है. कई अन्य विपक्षी दल भी कार्यक्रम से दूर रहने वाले हैं. माना जा रहा है कि कई अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेने जा रहे जीएसटी से 20 खरब अमेरिकी डॉलर की हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी.
जीएसटी और उसके लॉन्च समारोह से जुड़ी 10 खात बातें...
- आधी रात के भव्य समारोह के लिए सेंट्रल हॉल में नए गलीचे (कारपेट) बिछाए गए हैं, और नया साउंड सिस्टम लगाया गया है. कार्यक्रम रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और ठीक मध्यरात्रि के समय घंटा बजाकर जीएसटी के लागू होने के घोषणा के साथ ही आधी रात के बाद तक चलेगा.
- राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर अपने विचार भी रखेंगे. सेंट्रल हॉल के मुख्य मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन तथा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मौजूद रहेंगे. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस द्वारा कार्यक्रम का बहिष्कार किए जाने का अर्थ है कि वह शामिल नहीं होंगे.
- कार्यक्रम में लगभग 1,000 लोगों के शिरकत करने की उम्मीद है. बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शुमार किए जाने वाले रतन टाटा तथा 'भारत कोकिला' कही जाने वाली पार्श्वगायिका लता मंगेशकर कार्यक्रम में शामिल होंगे. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया, यानी आरबीआई के मौजूदा गवर्नर उर्जित पटेल तथा दो पूर्व गवर्नर बिमल जालान व वाईवी रेड्डी भी शिरकत करेंगे, जबकि पिछले आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
- केंद्र सरकार ने सभी सांसदों, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा सभी राज्यों के वित्तमंत्रियों को कार्यक्रम का निमंत्रण दिया है. कांग्रेस, वामदल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पार्टी तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) जैसे विपक्षी दल कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम में शिरकत करने को लेकर स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है, और समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, वरिष्ठ पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने बताया है कि इस बारे में 'शुक्रवार को ही बाद में पता चलेगा...'
- जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) नेता तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीएसटी का समर्थन किया है, और वह खुद इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उनकी पार्टी के सांसदों से कार्यक्रम से दूर रहने के लिए नहीं कहा गया है. वैसे, पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शरद यादव भी लॉन्च कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे.
- संसद में जीएसटी बिल के पारित होने वक्त वॉकआउट करने वाली ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके), जो इस समय तमिलनाडु में सत्तासीन है, ने कहा है कि वे भले ही नए कर के प्रावधानों से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन उनके पास "जीएसटी का समर्थन करने के अलावा कोई चारा नहीं है," और वे कार्यक्रम में शामिल होंगे.
- केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, "यह ऐतिहासिक है, क्योंकि पहले देश का एकीकरण हुआ था, आज हम आर्थिक एकीकरण करने जा रहे हैं... यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे (विपश्री दल) सुधार की इस प्रक्रिया से दूरी बना रहे हैं... मुझे आशा है कि शाम तक उन्हें भी इसका एहसास हो जाएगा, और वे सेंट्रल हॉल में हमारे साथ शामिल होंगे..."
- कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, "आधी रात को होने वाला भव्य कार्यक्रम असहिष्णुता, किसानों के मुद्दे जैसी समाज की कड़वी सच्चाइयों, जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता, को अनदेखा कर रहा है... कांग्रेस ऐसे किसी तमाशे और प्रचार के हथकंडे का हिस्सा नहीं बन सकती... सिर्फ एक टैक्स नीति के प्रचार का हिस्सा नहीं बन सकते..." पार्टी ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीएसटी को लॉन्च करेंगे, और कहा कि राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी कार्यक्रम में उपस्थित होंगे, सो, उन्हें ही इसे लॉन्च करना चाहिए.
- विपक्षी पार्टियों ने यह भी कहा कि इस सप्ताह कपड़ा व्यापारियों द्वारा किए गया विरोध प्रदर्शन दिखाता है कि छोटे व्यापारी जीएसटी के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने लॉन्च को स्थगित करने का सुझाव दिया है. बुधवार को एक फेसबुक पोस्ट में ममता बनर्जी ने कहा, "जीएशटी को लागू करने की गैर-ज़रूरी जल्दबाज़ी केंद्र सरकार की एक और बड़ी गलती है..."
- राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने NDTV से बात करते हुए कहा, "कोई भी ट्रांज़िशन बिना दिक्कतों के नहीं हो सकता, लेकिन हम इसे जितना हो सके, दिक्कतों के बिना करेंगे... लोगों को आश्वस्त रहना चाहिए कि सचमुच गलती होने पर कोई भी आपको परेशान नहीं करेगा... गलतियों को ठीक किया जा सकता है..."