बिहार NDA में हुई सीटों की घोषणा.
पटना:
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के लिए बिहार में एनडीए (Bihar NDA) ने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. पटना में जेडीयू, भाजपा और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्षों ने अपनी लिस्ट जारी की. 40 में से अभी केवल 39 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है. एलजेपी ने खगड़िया सीट से अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है. वहीं भाजपा ने पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा की जगह केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को उतारा है. आइये जानते हैं विस्तार से कि आखिर इस सूची में कौन-कौन सी खास बाते हैं?
बिहार NDA के उम्मीदवारों की सूची में क्या है खास?
- BJP हो या जनता दल यूनाइटेड या लोक जनशक्ति पार्टी, सभी ने अपने वर्तमान सांसदों को फिर से टिकट दिया है. केवल BJP ने तीन सीटों पर, जिनमें दरभंगा और पटना साहिब सीट पर नए उम्मीदवार गोपालजी ठाकुर और केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रविशंकर प्रसाद को टिकट दिया. वहीं मधुबनी सीट पर निवर्तमान सांसद हुकुमदेव नारायण यादव की इच्छा के अनुसार उनके पुत्र और पूर्व विधायक अशोक यादव को टिकट दिया गया है.
- जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी अपने दोनों सांसदो संतोष कुशवाहा को पुर्णिया और कौशलेंद्र कुमार को तीसरी बार नालंदा सीट से उतारा है.
- वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान की जगह उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को हाजीपुर से टिकट दिया है. वहीं नवादा की सीट पर पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने अपनी पत्नी वीना देवी की जगह छोटे भाई चंदन कुमार को उम्मीदवार बनाया है. लोक जनशक्ति पार्टी ने BJP से पूर्व विधायक वीणा देवी को वैशाली से रामा सिंह की जगह टिकट दिया है.
- जहां तक जातिगत ब्योरा है तो अभी तक के उन 40 उम्मीदवारों में छह तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर दलित उम्मीदवार हैं, जिनमें 4 पासवान जाति, एक मांझी और एक रविदास समुदाय से आते हैं.
- सर्वाधिक 13 सीटें अगड़ी जाति के उम्मीदवारों को मिली है, जिनमें राजपूत जाति के 7, भूमिहार जाति से 3, ब्राह्मण जाति से 2 और कायस्थ जाति से एक उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना साहिब से चुनाव लड़ेंगे. जहां अगड़ी जातियां बिहार की आबादी का 15% हैं, लेकिन उन्हें टिकट के बंटवारे में 30% से अधिक की हिस्सेदारी मिली है.
- पिछड़े समुदाय से नौ और अति पिछड़े समुदाय से 7 उम्मीदवार को NDA ने अपना उम्मीदवार बनाया है. इनमें से अधिकांश जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर मैदान में हैं. इस हिसाब से बिहार की कुल जनसंख्या के 56 प्रतिशत आबादी को चालीस प्रतिशत हिस्सेदारी मिली हैं.
- लगता है मुस्लिम समुदाय से बिहार NDA में नीतीश कुमार के रहने के बावजूद कोई उम्मीद नहीं रखी गई है. इसलिए किशनगंज सीट पर महमूद अशरफ़ को जनता दल यूनाइटेड ने मैदान में उतारा है.
- उम्मीदवारों की कमी इस बार भी जनता दल यूनाइटेड में देखने को मिली, अन्यथा नीतीश कुमार जो पार्टी के सर्वे सर्वा है जब विधायक को या विधान पार्षदों को लोकसभा चुनाव लड़ाने के पक्षधर नहीं रखते, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कई विधायक जैसे कविता सिंह को सीवान से, मंत्री राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह को मुंगेर से, दिनेशचंद्र यादव को मधेपुरा से, गिरिधारी यादव को बांका से और अजय मंडल को भागलपुर से मैदान में उतारा है. नीतीश कुमार ने डॉक्टर वरुण कुमार को सीतामढ़ी और गोपालगंज से डॉक्टर आलोक कुमार को टिकट दिया है. इसके अलावा पार्टी ने पुराने कार्यकर्ता चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को जहानाबाद और राम प्रीत मंडल को झंझारपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है.
- कुल मिलाकर NDA की उम्मीदवारों की सूची से एक बात साफ़ है कि पार्टी में अगड़ी जाति, पिछड़ों ख़ासकर अति पिछड़ों और दलितों में पासवान वोटरों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारी तय की और मुस्लिम मतदाताओं के प्रति उनका रवैया साफ़ है कि शायद इस चुनाव में उनका वोट नाममात्र है.
- हालांकि सीटों की संख्या से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक एनडीए अभी तक एकजुटता का परिचय तो दिया है, लेकिन कई ऐसी सीटें हैं जहां भाजपा के पूर्व संसद अभी से बाग़ी तेवर में हैं और अगर उनके असंतोष को दूर नहीं किया गया तो चुनाव में उसका प्रतिकूल असर पर सकता हैं.