झारखंड का गोड्डा में मवेशियों के चोरी के आरोप में दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. लेकिन ये घटना कहां, कैसे हुई, इसके बारे में अभी भी संशय बना हुआ है. हालांकि, मृतक मुस्लिम समुदाय के बताए जा रहे हैं. घटना मंगलवार रात की है. तो चलिए जानते हैं इस घटना से जुड़ी दस बड़ी बातों को...
घटना से जुड़ी दस बड़ी बातें
सबसे पहले मंगलवार देर शाम गोड्डा जिले के डुललू गांव के ग्राम प्रधान के भाई मुंशी मुर्मू के घर से 13 भैंसों की चोरी हुई.
बुधवार सुबह जब मुंशी मुर्मू कुछ ग्रामीणों के साथ अपने भैंसों की खोज में निकले, तब अपने गांव से पांच किमी की दूरी पर पांच लोगों को भैंसों के साथ देखा. फिर क़रीब सुबह के नौ बजे बनकट्टी गांव के पास अब अधिक संख्या मान ग्रामीणों को जुटा कर पकड़ा लेकिन तीन वहां से भागने में कामयाब रहे.
फिर ग्रामीणों की भीड़ ने इन दोनों कथित चोर चरकु अंसारी और मुर्तज़ा अंसारी को गांव लाये. फिर नज़दीक के बनकट्टी जंगल में ले गये. वहां से पिटाई करते उन्हें डुललु गांव लाये तब तक पिटाई से उनकी जान जा चूकी थी.
मृतक चरकु अंसारी और मुर्तज़ा अंसारी नज़दीक के बांझी तलझरी गांव के रहने वाले थे.
स्थानीय गोड्डा पुलिस के अनुसार चरकु अंसारी का का आपराधिक इतिहास रहा है. वो कई बार जेल भी जा चूका है.
वहीं, दूसरे मृतक मुर्तज़ा अंसारी के पिता हलीम अंसारी के पिता का कहना है कि ये हत्या एक पुरानी रंजिश का परिणाम है और उनका बेटा पशु व्यापार करता था.
फ़िलहाल इस हत्या के सम्बंध में स्थानीय पुलिस ने चार लोगों, जिनमें मुंशी मुर्मू शामिल हैं. उनके अलावा कालेसवर सोरेन, जोहान किसकू और किशन टुडू को गिरफ़्तार किया है.
वहीं, स्थानीय नेताओं का कहना है कि भले इस घटना में गो रक्षक का हाथ ना हो लेकिन इलाक़े में तनाव पैदा करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है. स्थानीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दीपिका पांडेय का कहना है कि ये पूरी घटना कई घंटे के दौरान हुई है और पुलिस चाहती तो इन लोगों की जान बचायी जा सकती थी.
झारखंड में इसके पूर्व रामगढ़ में ऐसी घटना हुई थी लेकिन सरकार ने मुस्तैदी से ग्यारह लोगों को सज़ा भी दिलायी लेकिन स्थानीय सांसद और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने स्थानीय लोगों के दबाव में जांच सीबीआई से कराने की मांग की.
हालांकि, झारखंड सरकार का कहना है कि इस बार भी सरकार दोषियों को सज़ा दिलायेगी लेकिन सवाल है कि ऐसी घटना थमने का नाम क्यों नहीं ले रही.