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राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग पर AAP में घमासान, 10 प्वाइंट में जानें किसकी क्या हैं दलीलें

दिल्ली विधानसभा में 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर एक प्रस्ताव को पास किया गया, जिसमें केंद्र सरकार से यह मांग की गई है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाए.

आम आदमी पा्र्टी ने अलका लांबा से इस्तीफा मांगा

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार का दिन घमासान वाला रहा. विधानसभा में 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर एक प्रस्ताव को पास किया गया, जिसमें केंद्र सरकार से यह मांग की गई है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाए. हालांकि, अब इस मामले पर आम आदमी पार्टी के भीतर ही घमासान हो गया है. शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में ये प्रस्ताव पास तो हो गया, मगर अब आम आदमी पार्टी इससे पीछे हटती दिख रही है. हालांकि, इस पर आम आदमी पार्टी के भीतर से ही दो दलीलें सामने आ रही हैं. एक ओर कहा जा रहा है कि विधायक अलका लांबा दिल्ली विधानसभा में 1984 के सिख दंगों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग वाले प्रस्ताव को पास कराने पर अड़ी थीं, वहीं दूसरी और खुद अलका लांबा का दावा है कि उन्होंने खुद इस प्रस्ताव को पास करने के लिए अपना समर्थन देने से मना कर दिया और सदन से वाक आउट कर दिया. बता दें कि आम आदमी पार्टी ने विधायक अलका लांबा से उनकी विधायकी और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा मांगा है. 

राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग पर AAP में घमासान से जुड़ीं 10 बातें

  1. सूत्रों के मुताबिक अलका लांबा इस बात पर अड़ी हुई थी कि 1984 में क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सिख विरोधी हिंसा को उचित ठहराते हुए कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. इसलिए केंद्र सरकार से राजीव गांधी को दिए गए सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न को वापस लेने के लिए प्रस्ताव पास किया जाए. मगर अलका लांबा का बयान ठीक इसके उलट है. 
  2. सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को जो कुछ हुआ वह आम आदमी पार्टी का आधिकारिक स्टैंड नहीं था और विधायकों की गलती से हुई चूक थी जबकि अलका लांबा इस प्रस्ताव को पास कराने पर अड़ी हुई थीं लिहाजा पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांग लिया.
  3. हालांकि, अलका लांबा ने ट्वीट कर अपनी बात रखी और कहा कि आज दिल्ली विधानसभा में में प्रस्ताव लाया गया की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिये. मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया, जो मुझे मंजूर नहीं था, मैंने सदन से वॉक आउट किया. अब इसकी जो सज़ा मिलेगी मैं उसके लिये तैयार हूं. 
  4. क्या हुआ था दिल्ली विधानसभा में? शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने एक ब्लंडर कर दिया. आम आदमी पार्टी के कब्जे वाली दिल्ली विधानसभा में भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को मिले भारत रत्न सम्मान को वापस लिए जाने की मांग केंद्र सरकार से करते हुए प्रस्ताव पास कर डाला. तिलक नगर से आम आदमी पार्टी विधायक जरनैल सिंह ने प्रस्ताव रखा कि '1984 कत्लेआम का औचित्य साबित करने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जिन को भारत रत्न के सम्मान से नवाजा गया, केंद्र सरकार को उन का यह अवॉर्ड वापस लेना चाहिए.'
  5. आम आदमी पार्टी विधायक के इस प्रस्ताव का सदन में मौजूद हर सदस्य ने खड़े होकर समर्थन किया जिसमें खुद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल शामिल थे. AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में जो पंक्तियां हैं, वे सदन में पेश किए गए मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं थी और एक सदस्य ने उस पर हाथ से लिखकर इन्हें शामिल किया था.  सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस तरीके से प्रस्ताव पास नहीं सकता. 
  6. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने ट्वीट कर कहा कि ''श्री राजीव गांधी ने अपना जीवन देश के लिए त्याग दिया. 'आप' का असली रंग खुलकर सामने आ गया. मेरा हमेशा मानना रहा है कि आप बीजेपी की बी टीम है. आप ने गोवा, पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ में उम्मीदवार केवल कांग्रेस के वोट काटकर बीजेपी की मदद के लिए उतारे.''
  7. कुछ ही देर में आम आदमी पार्टी को अपनी गलती का एहसास हुआ. आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर सफाई दी और कहा कि 'सदस्यों को दिए संकल्प में दिवंगत राजीव गांधी के बारे में लाइन्स नहीं थीं. एक विधायक ने अपने हाथ से राजीव गांधी के बारे में प्रस्ताव जोड़ा/संशोधन किया. संशोधन इस तरह से पास नहीं हो सकते.'
  8. असल में क्या हुआ? : यह बात सही है कि 1984 की सिख विरोधी हिंसा पर जो संकल्प विधायक जरनैल सिंह ने पेश किया उसमें टाइप हुई लाइनों में राजीव गांधी और भारत रत्न का जिक्र नहीं था और विधायक सोमनाथ भारती ने बाद में पेन से उसमें राजीव गांधी और भारत रत्न संबंधित लाइनें जोड़ दी. लेकिन विधायक जरनैल सिंह ने संकल्प पूरा पढ़ा जिसमें केंद्र सरकार से राजीव गांधी को दिया भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग की गई थी. और इस मांग का स्पीकर समेत सभी मौजूद सदस्यों ने खड़े होकर समर्थन किया और प्रस्ताव पास किया.
  9. बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने दावा किया है कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने का प्रस्ताव विधानसभा में पास हो चुका है और अब यह सदन की कार्यवाही का हिस्सा बन चुका है. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधान सभा मे सतारूढ़ दल आम आदमी पार्टी ने 1984 मे सिखों के नर संहार मामले में प्रस्ताव पारित किया गया कि "राजीव गांधी का भारत रत्न वापिस लिया जाये." लेकिन 'AAP' नेता सफ़ाई दे रहे हैं क्योंकि कांग्रेस से तो एक तरफ़ चुनाव मे समझौता करना है और दुसरी तरफ़ यह प्रस्ताव पास कर दिया. 
  10. अलका लांबा का कहना है कि 'राजीव जी ने देश के लिए क़ुर्बानी दी है, इस बात को नहीं भुलाया जा सकता है. किसी व्यक्ति को किसी एक कार्य के लिये भारत रत्न नहीं मिलता है. देश के लिए जीवन पर्यन्त उल्लेखनीय कार्यों के लिए यह सम्मान दिया जाता है. इसलिए किसी एक वजह से भारत रत्न वापस लेने की बात का समर्थन करना उचित नहीं है. 

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