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Trump-Kim summit: अमेरिका और उत्तर कोरिया में क्यों थी इतनी दूरी, 5 कारण

आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन सिंगापुर में मिले. विशेषज्ञों की नजर में यह दो ध्रुवों के मिलने जैसा है.

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अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच लंबे समय से तनातनी चली आ रही थी.
नई दिल्ली:

आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन सिंगापुर में मिले. विशेषज्ञों की नजर में यह दो ध्रुवों के मिलने जैसा है, क्योंकि दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनातनी चली आ रही थी. कभी किम कहते कि अमेरिका उनकी मिसाइल की जद में है तो कभी ट्रंप ने कहा कि उनके पास उत्तर कोरिया से बड़ा और शक्तिशाली बम है. इन्हीं परिस्थितयों के बीच पिछले दिनों उत्तर कोरिया के रुख में नरमी आई और उसने अपने परमाणु परीक्षण ठिकानों को नष्ट करने की शुरुआत की. इस शुरुआत के साथ ही ट्रंप-किम के बीच मुलाकात की सूरत परवान चढ़ी थी. आज किम से मुलाकात के बाद जहां ट्रंप ने कहा कि बैठक शानदार रही और काफी प्रगति हुई. किम और ट्रंप ने कई समझौते पर हस्ताक्षर भी किये. किम जोंग उन ने कहा कि यहां पहुंचना आसान नहीं था. बाधाओं को दूर कर हमारी मुलाक़ात हो रही है. आइये आपको बताते हैं कि आखिर अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच इतनी कड़वाहट क्यों थी? 

अमेरिका-उत्तर कोरिया में कड़वाहट की वजह

  1. डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच मतभेद और दूरी की सबसे बड़ी वजह उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम था. अमेरिका समेत तमाम देश  उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे. उनकी मांग थी कि उत्तर कोरिया अपने परीक्षण ठिकानों और परमाणु हथियारों को नष्ट करे.
  2. उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण अभियानों को देखते हुए विदेशों में उत्तर कोरिया का बैंक खाता खोलने पर रोक लगा दी गई थी. संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने हर वित्तीय संस्थान पर प्योंग्यांग के लिए लेन देन करने पर भी रोक लगाई. उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों के पीछे अमेरिका की बड़ी भूमिका मानी जा रही थी. 
  3. अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर और तमाम प्रतिबंध लगा दिये थे. मसलन अमेरिका ने अपने नागरिकों को एयर कोरयो के साथ किसी भी तरह के कानूनी कारोबार पर रोक लगाई थी. उत्तर कोरिया की सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर कोरयो सिर्फ चीन और रूस के लिए उड़ान भरती है. 
  4. अमेरिका समेत तमाम देशों के विरोध के बावजूद उत्तर कोरिया तानाशाह किम जोंग उन के नेतृत्व में एक के बाद एक परमाणु परीक्षण करता रहा. यहां तक कि उसने अमेरिका समेत तमाम देशों को धमकी भी दी. कहा कि अमेरिका और अन्य देश उसकी मिसाइल और अन्य हथियारों के जद में हैं. 
  5. अमेरिका से तनातनी के पीछे एक वजह उत्तर कोरिया की चीन से नजदीकी भी मानी जा रही थी. अक्सर तमाम मोर्चे पर उत्तर कोरिया चीन के पाले में खड़ा नजर आता. यहां तक कि पिछले दिनों किम जोंग उन ने चीन की एक सिक्रेट यात्रा भी की. जिसने आग में घी डालने का काम किया था.

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