अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच मंगलवार को सिंगापुर में ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. दोनों नेता इस सम्मेलन के लिए सिंगापुर पहुंच गये हैं. यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई नेता के बीच मुलाकात होगी. उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियारों के परीक्षण और पिछले दिनों परीक्षण स्थलों को नष्ट करने के बीच पूरी दुनिया की निगाहें इस सम्मेलन पर टिकी हुई हैं. कहा जा रहा है कि बातचीत के एजेंडे में प्योंगयांग के परमाणु निरस्त्रीकरण का मुद्दा जोर-शोर से उठने की संभावना है. आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले किम जोंग उन से मुलाकात के लिए मना कर दिया था. हालांकि तमाम कवायदों के बाद मुलाकात परवान चढ़ पाई और सम्मेलन की तिथियां तय हुईं. उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी किम योंग चोल ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की और सम्मेलन पर सहमति बनाने में बड़ा रोल निभाया.
ट्रंप-किम के बीच शिखर सम्मेलन की बड़ी बातें
- ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के लिए सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप पर दि कैपेला होटल को चुना गया है. यहां सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है. पुलिस के साथ-साथ नेपाली गोरखों के कंधों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है. कल कार्यक्रम से जुड़े मुख्य स्थानों की ओर जाने वाले मार्गों को बंद कर दिया जाएगा. इस दौरान प्रदर्शन के तमाम रूपों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
- डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच मंगलवार को होने वाला शिखर सम्मेलन किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई नेता के बीच पहली बैठक होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बैठक को शांति की ‘एकमात्र पहल ’बताया है. सम्मेलन सिंगापुर के समयानुसार सुबह नौ बजे शुरू हो जाएगा.
- इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में प्योंगयांग के परमाणु निरस्त्रीकरण का मुद्दा बातचीत के एजेंडे में शीर्ष पर रहेगा. अमेरिका लगातार उत्तर कोरिया के परमाणु अभियानों का विरोध करता रहा है. हाल ही में उत्तर कोरिया द्वारा कई परमाणु परीक्षण ठिकानों को नष्ट करने की भी खबर आई थी .
- इससे पहले रविवार को किम जोंग उन ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लुंग से मुलाकात की. किम ने ली से कहा, 'सारी दुनिया की नजर उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन पर है'. उन्होंने ली सीन लुंग को शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए शुक्रिया भी कहा.
- सम्मेलन से पहले ट्रंप ने किम जोंग उन के साथ बैठक के बारे में कहा था कि, "मुझे लगता है कि यह बैठक सफल होने जा रही है. मुझे नहीं लगता है कि यह सिर्फ एक बैठक तक ही सीमित रहेगी. यह कई दशकों तक चलने वाला है." उन्होंने यह भी कहा था कि यदि सिंगापुर वार्ता सफल रहती है तो वह किम जोंग उन को अमेरिका आने का न्यौता देंगे.