जम्मू के सुंजवान कैंप पर हुए आतंकी हमले में दो जवान शहीद
नई दिल्ली:
जम्मू में सेना के सुंजवान कैंप पर हमले में मारे जाने वालों आतंकियों की संख्या तीन हो गई है. बचे हुए आतंकियों की तलाश जारी है. इस हमले में सेना के दो जवान शहीद हो गए जबकि पांच जवानों समेत 12 लोग घायल हुए हैं. घायलों में एक हवलदार की बेटी भी शामिल है, उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है. शहीद जवानों की पहचान मदनलाल और मोहम्मद अशरफ के तौर पर हुई है. वहीं सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है.
10 बातें
- सुरक्षाबलों ने मारे गए आतंकियों के पास से एके 56, राइफ़ल, ग्रेनेड और गोला बारूद बरामद किया गया है.
- सुरक्षाबलों को आतंकियों के पास से जैश ए मोहम्मद का झंडा भी मिला है. सेना ने पुष्टि की है कि हमले में जैश का हाथ है. इतना ही नहीं सुरक्षाबलों द्वारा ढेर किए गए आतंकियों ने युद्ध में इस्तेमाल होने वाले यूनिफार्म पहन रखे थे.
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन अभी जारी है इसलिए हम स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए इससे जुड़ी अहम जानकारियां साझा नहीं कर रहे. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि देश के लोगों का सिर झुकने नहीं देंगे.
- सुंनजवा में सेना के कैंप पर हुए हमले के बाद से पैरा कमांडो, राष्ट्रीय राइफल्स और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई जारी है. यह कार्रवाई शनिवार सुबह 5 बजे से चल रही इस कार्रवाई के मद्देनजर कैंप के आसपास के तमाम इलाकों को सील कर दिया गया है.
- सेना से मिली सेना ने कैंप के अन्दर मौजूद करीब 150 मकान खाली कराए गए हैं और अब किसी के भी आतंकियों द्वारा बंधक बनाए जाने की सूचना नहीं है. वहीं आतंकियों की तरफ से रात से कोई फायरिंग नहीं हुई है.
- सुंनजवा आर्मी कैंप में शनिवार तड़के 5 बजे के करीब 4 से 5 हथियारबंद आतंकी घुस गए थे. ये आतंकवादी जेसीओ क्वॉर्टर में भी घुसने में कामयाब हो गए थे.
- हमले के फौरन बाद उधमपुर से वायुसेना के पैरा कमांडोज को भी जम्मू एयरलिफ्ट किया गया था. सेना के मुताबिक, तड़के सुबह चार से पांच आतंकी जम्मू से सटे सुनजवां के सेना के कैंप में घुस गए.
- आतंकियों ने संतरी के बंकर पर फायरिंग शुरू कर दी और दो ग्रुप में बंटकर कैंप के अंदर घुस गए. कैंप में सेना के परिवारों के लिए बनाए गए फ्लैट में जाकर आतंकी छिप गए. आतंकियों के खात्मे के लिए राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने मोर्चा संभाला था.
- भाजपा की राज्य इकाई ने कहा कि परिस्थितियां खुलासा करती हैं कि हो सकता है कि हमला स्थानीय मदद से हुआ हो और इसलिए इसमें शामिल सभी व्यक्तियों को पकड़ना महत्वपूर्ण है. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने एक बयान में कहा कि सुंजवान क्षेत्र के पास आकर बसे रोहिंग्या समुदाय के लोगों की भूमिका की भी गंभीरता से जांच की जरूरत है.
- जम्मू में इससे पहले आतंकी हमला 29 नवंबर 2016 को हुआ था जब आतंकवादी जम्मू शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित सेना के नागरोटा शिविर में घुस गये थे जिसमें दो अधिकारी सहित सेना के सात कर्मी शहीद हुए थे। तीन आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था.