बिहार की पटना साहिब लोकसभा सीट से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपनी ही पार्टी के सबसे बड़े 'शत्रु' हैं. उनकी हर राय पार्टी से अलग होती है फिर चाहे जीत हो या हार. कुछ दिन पहले तक वह पीएम मोदी पर सीधे निशाना नहीं साधते थे. लेकिन अब वह पीएम मोदी पर भी तंज कसने से नहीं चूकते नही हैं. हैरानी वाली बात यह है कि बीजेपी के तेज-तर्रार प्रवक्ता ही नहीं आलाकमान भी उनके बयानों पर पूरी तरह से खामोश है. हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी अब ज्यादा बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं और उचित समय पर कार्रवाही करने का मन बना चुकी है. इसी बीच शत्रुघ्न सिन्हा ने चुनौती भी दे डाली है कि कोई उन्हें पार्टी से निकालकर दिखाये. उन्होंने बीजेपी छोड़ चुके यशवंत सिन्हा के साथ मिलकर राष्ट्रीय मंच भी बना डाला है.
शत्रुघ्न सिन्हा के 10 बयान जिनसे बीजेपी की हुई है फजीहत
- भाजपा सांसदों के राष्ट्रव्यापी उपवास का उपहास : बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद की कार्यवाही न चलने देने के विपक्ष के रवैये के खिलाफ भाजपा सांसदों के राष्ट्रव्यापी उपवास का उपहास उड़ाया और आरोप लगाया कि भाजपा ने खुद भी विपक्ष में रहने के दौरान संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी थी.
- उपचुनाव में हार पर तंज : शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि, ' ..... मैं बार-बार कह रहा हूं कि अहंकार, शॉर्ट टेंपर या ओवर कॉन्फिडेंस लोकतांत्रिक राजनीति में सबसे बड़े हत्यारे हैं, चाहे वह ट्रम्प, मित्रों या विपक्षी नेताओं से आए हों'. हालांकि, शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी इस ट्वीट में विपक्षी नेताओं समेत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र किया, मगर पीएम मोदी का सीधे तौर पर नाम लेने से बचते नजर आए. यही वजह है कि उन्होंने 'मित्रों' शब्द का प्रयोग किया.
- पीएनबी घोटाले पर तंज : शत्रुघ्न सिन्हा ने हज़ारों करोड़ रुपये के PNB घोटाले के लिए ऑडिटरों तथा नियामकों को ज़िम्मेदार ठहराने पर नरेंद्र मोदी सरकार का मज़ाक उड़ाते हुए कहा, "शुक्र है, उन्होंने चपरासी को बख्श दिया..."
- बिहार सीएम पद पर जब बोले सिन्हा : शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी लाइन से अलग हटते हुए कह दिया था कि बिहार में एनडीए की ओर से लोकजनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान सीएम पद के उम्मीदवार होंगे। वहीं, इस बारे में पार्टी हमेशा से कहती रही है कि संसदीय समिति राज्य के सीएम पद के उम्मीदवार का नाम तय होगा जैसा की अकसर चुनाव में पार्टी करती आती रही है.
- 2013 में ही बोले थे मोदी के 'खिलाफ' : 2013 में जब बीजेपी ने यह तय कर लिया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के साथ बीजेपी 2014 का संसदीय चुनाव लड़ेगी. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा था कि मोदी को प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज जैसे वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगाया जा रहा है.
- उम्र तय होने पर जताई आपत्ति : साल 2014 में पीएम मोदी की सरकार के गठन के बाद जब यह बात सामने आई थी कि मंत्री पद के लिए 75 वर्ष की उम्र सीमा होगी, तब भी इस बात का विरोध शत्रुघ्न सिन्हा ने ही किया था.
- दिल्ली चुनाव में फजीहत : सिन्हा दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हवा की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि "अगर 'आप' के बारे में सवाल किए जा रहे हैं, तो इसका मतलब है 'आप' की ताकत दिख रही है... मुंबइया स्टाइल में कहूं तो 'आप' का बूमा-बूम हो रहा है... 'आप' की पकड़ दिखाई दे रही है..."
- याकूब की फांसी पर पार्टी से अलग राय : मुंबई में 1993 बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी की सजा के मुद्दे पर भी शॉटगन ने पार्टी की लाइन से इतर स्टैंड लेते हुए विरोध में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजी गई एक अर्जी पर दस्तखत किए थे. इस बात पर आपत्ति खुद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जताई थी.
- मोदी की जगह नीतीश कुमार : नीतीश कुमार जब पीएम मोदी के खिलाफ झंडा बुलंद किये हुये थे तो बिहार विधानसभा चुनाव के समय शत्रुघ्न सिन्हा ने नीतीश कुमार की खूब तारीफ की और उनसे मुलाकात भी की.
- पीएम मोदी के डीएनए वाले बयान आलोचना : बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के डीएनए वाले बयान पर 'बिहारी बाबू' ने कहा कि कोई भी बिहार की अस्मिता पर चोट न करें. बोलते वक्त अपने शब्दों का ख़याल करें. चुनाव तो कल चले जाएंगे लेकिन ऐसे बयानों की चुभन बरकरार रहेगी.