पिछले महीने ही खबर आई थी कि रांची के अस्पताल में भर्ती आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को देखने के लिए तेजस्वी, तेज या मीसा भारती में से कोई नहीं जाता है. चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद बिलकुल अकेले पड़ गए हैं. हालांकि यह खबर मीडिया में आने के बाद तेजस्वी यादव तुरंत ही रांची के लिए रवाना हो गए. लेकिन जिस तरह से खबरें आ रही हैं उससे तो ऐसा लगता है कि जिस नेता का एक समय बिहार में डंका बजता था अब वह अपने बेटे-बेटियों की महत्वाकांक्षाओं के आगे परिवार में अलग-थलग पड़ गया है. ऐसा लगता है राजनीति में खुद को 'किंगमेकर' बताने वाले लालू प्रसाद यादव अपने ही परिवार के दो 'राजकुमारों' को नहीं साध पा रहे हैं.
15 बड़ी बातें
तेजस्वी और तेज के बीच मतभेदों की खबर पहले भी आती रही है. हालांकि दोनों ही इन बातों को खारिज करते रहे. लेकिन बीते 1 से डेढ़ महीने में कई घटनाक्रम सामने आए है, जैसे अस्पताल में भर्ती लालू प्रसाद यादव को कोई देखने नहीं गया.
सूत्रों के मुताबिक लालू की तबीयत खराब होने के बाद भी दो हफ्ते तक बेटी मीसा भारती और न ही बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव उनका हालचाल लेने रांची गए.
दूसरी ओर बीते सितंबर महीने में पार्टी के कुछ नेताओं ने नाम न बताने की शर्त पर बताया था कि क़रीब बारह दिनों के दिल्ली प्रवास के बाद तेजस्वी यादव पटना वापस लौटे तो उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कोई मुलाक़ात करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई.
वहीं लालू यादव के प्रति वफ़ादार नेताओं का भी मानना है कि सब कुछ सामान्य नहीं है. पार्टी कवर करने वाले पत्रकार भी मानते हैं कि तेजस्वी मीडिया से दूरी नहीं बनाते लेकिन अब वो उनसे दूरी बनाये हुए हैं.
दरअसल इसके पीछे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव हैं जो पार्टी में अपनी हैसियत का रोना रोते रहते हैं जिसकी वजह से घर और पार्टी मुश्किल में है. दरअसल तेज प्रताप चाहते हैं कि उनसे बिना पूछे पार्टी में कोई फैसला न लिया जाए.
लेकिन पार्टी के ही विधायक मानते हैं जब लालू यादव ने खुद तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया हैं तब तेज़प्रताप यादव की मांग दीवार पर सिर मारने के समान हैं.
लेकिन आरजेडी के कुछ नेता ख़ुद मानते हैं कि तेज़ प्रताप यादव कब कहां किसे फजीहत कर देंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता.
वहीं ऐसी अटकलें जारी ही थीं कि लालू की बड़ी मीसा भारती का बड़ा बयान आ गया. उन्होंने इस बात को माना कि परिवार में भाई-भाई में मनमुटाव है.
मीसा भारती ने पटना के पास मनेर में पार्टी कार्यकर्ताओं को रविवार को सम्बोधित किया. वहां उन्होंने कहा कि उनके भाइयों में मनमुटाव है लेकिन राष्ट्रीय जनता दल बहुत बड़ा परिवार है. थोड़ा बहुत मनमुटाव किसमें नहीं होता, हाथ की पांचों अंगुलियां बराबर नहीं होतीं.
मीसा भारती ने यह भी कहा कि अगर कोई सामने से लड़ेगा तो रानी झांसी की तरह लड़ेंगे लेकिन पीठ में कोई खंजर घोंपेगा तो हम बर्दास्त नहीं करेंगे, चाहे वह पार्टी का कार्यकर्ता क्यों न हो. अब उनके इस बयान का क्या मतलब है इसके भी मायने निकाले जा रहे हैं.
हालांकि बाद में मीसा ने सफाई दी कि उनका अर्थ अपने परिवार से नहीं बल्कि सामान्य परिवार में भाइयों के बीच मतभेद से था. बेवजह इस मामले को तूल दिया गया.
वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लालू परिवार में फूट की तलाश करना रोचक और रसीला काम है.
उन्होंने कहा कि राजनीति से लेकर मीडिया तक को इसमें बहुत रस मिलता है. मनेर की लिट्टी पार्टी में मीसा के भाषण पर गरमा गरम चर्चा है. ‘जब पांचों उंगलियां बराबर नहीं हैं. जब हमारे घर में भाई-भाई में नहीं पटता है. तब राजद तो बहुत बड़ा परिवार है.’
तिवारी ने कहा है कि अब इस भाषण के ‘हमारे घर’ को ‘मेरा घर’ बनाकर भाई लोग ले उड़े. कल यह सुर्खियों में होगा. रोजाना गरियाने के लिए बहाल लोग जोर-जोर से से भविष्यवाणी करेंगे. ‘परिवार में गृहयुद्ध हो रहा है.’ राजद का ‘इतिश्री’ हो रहा है. लोग इस मुगालते में रहें. हमें खुशी होगी.
उन्होंने कहा है कि ऐसा सोचने वालों को भारी निराशा हाथ लगने वाली है क्योंकि न तो लालू परिवार में कोई समस्या है और न राजद परिवार में. बिहार ने मन बना लिया है कि 2014 के बिहार के लोकसभा चुनाव नतीजे को 2019 में उलट देना है.