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कट्टरपंथी उपदेशक एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की मुश्किल बढ़ती जा रही है. उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की तरफ से लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है. उसके कई समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके सहयोगियों में से चार को लेकर पुलिस डिब्रूगढ़ पहुची है. डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल पूर्वोत्तर भारत की सबसे पुरानी जेलों में से एक है. यह भारी किलेबंद है, और असम में उल्फा उग्रवाद के चरम के दौरान शीर्ष उग्रवादियों को यहीं रखा जाता था. इधर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि सरकारों को राजनीतिक हितों के चलते पंजाब में आतंक का माहौल पैदा करने से बचना चाहिए.
पंजाब पुलिस शनिवार से अमृतपाल सिंह की लगातार तलाश कर रही है. हालांकि अभी तक अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है.
जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने कहा, "पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में अमृतपाल सिंह के छह से सात बंदूकधारी शामिल हैं." स्वयंभू उपदेशक के करीबी सहयोगी दलजीत सिंह कलसी को भी आज सुबह हरियाणा के गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया.
सूत्रों का कहना है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 2 मार्च को एक बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की योजना पर चर्चा की थी.
शनिवार को पूरे पंजाब में इंटरनेट और एसएमएस बंद कर दिए गए, जब अमृतपाल सिंह के सहयोगियों ने उसके समर्थकों से उस गांव में इकट्ठा होने की अपील करते हुए उन्मादी वीडियो प्रसारित करना शुरू कर दिया, जहां पुलिस ने उसे घेरा था.
पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह की गाड़ी महतपुर के एक गांव से बरामद की है. पंजाब पुलिस ने जब अमृतपाल का पीछा किया तो अमृतपाल अपनी गाड़ी और असलहे छोड़कर एक मोटरसाइकिल में बैठकर भाग गया.
अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सरकार से राज्य में आतंक का माहौल बनाने से बचने के लिए कहा. अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च संस्था है और जत्थेदार इसके प्रमुख होते हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, "पंजाब पहले ही काफी कुछ झेल चुका है और अब बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने का समय आ गया है."
पंजाब पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, कल अमृतपाल सिंह ने अपनी गाड़ी छोड़कर दूसरी गाड़ी से भागते वक्त चार लोगों को टक्कर भी मारी है.
रिपोर्टों में कहा गया है कि पुलिस किसी भी कानून और व्यवस्था के मुद्दों से बचने के लिए उसके परिवार से बात कर रही है, ताकि उससे आत्मसमर्पण कराया जा सके. अमृतपाल सिंह "वारिस पंजाब दे" का प्रमुख है.
अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने "वारिस पंजाब दे" बनाया था. यह एक कट्टरपंथी संगठन है.
दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.अमृतपाल सिंह आतंकवादी भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है और पिछले कुछ महीनों में उसने कई विवादित भाषण दिए हैं.