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पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़ी वे 5 अनकही बातें, जिन्हें अक्षय कुमार के साथ किया साझा

लोकसभा चुनाव 2019 के चुनावी कार्यक्रम से इतर पीएम मोदी ने पहला गैरराजनीतिक इंटरव्यू दिया. अभिनेता अक्षय कुमार के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने अपने जिंदगी के कुछ अनछुए पहलुओं को साझा किया .

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पीएम मोदी और अक्षय कुमार (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव 2019 के चुनावी कार्यक्रम से इतर पीएम मोदी ने पहला गैरराजनीतिक इंटरव्यू दिया. अभिनेता अक्षय कुमार के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने अपने जिंदगी के कुछ अनछुए पहलुओं को साझा किया और काफी हल्के अंदाज में अपने जीवन के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बनने की बात से लेकर आम खाने की बात तक पर अपने विचारों को साझा किया. जानें पीएम मोदी और अक्षय कुमार के बीच बातचीत की प्रमुख 5 बातें...

  1. पीएम मोदी ने अक्षय कुमार के एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं प्रधानमंत्री बनूंगा. एक सामान्य व्यक्ति ऐसा नहीं सोचता. कभी मेरे मन में प्रधानमंत्री बनने का विचार नहीं आया और सामान्य लोगों के मन में ये विचार आता भी नहीं हैं और मेरा जो फैमिली बैकग्राउंड हैं उसमें मुझे कोई छोटी नौकरी मिल जाती तो मेरी मां उसी में पूरे गाओं को गुड़ खिला देती. 
  2. पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं छोटा था, मैं सैनिकों को देखता था और उनकी देशभक्ति मुझे प्रेरित करती थी. मैं राम कृष्ण मिशन से जुड़ा था और वहां के लोगों से प्रेरित था. कभी फ़ौज वाले निकलते थे तो बच्चों की तरह खड़ा होकर उन्हें सेल्यूट करता था. मैंने पीएम बनने के बारे में कभी नहीं सोचा था. जो सोचा नहीं था वो बन गया. भटकते-भटकते यहां पहुंच गया. मैं अपने सवालों से ही जवाब ढूंढता था. 
  3. पीएम मोदी ने कहा कि मैं मैं बहुत छोटी उम्र से ही अपने दम पर हूं. बचपन में ही मैंने घर छोड़ दिया था, इसलिए मेरे भीतर ऐसा कोई जुड़ाव नहीं है. बाद में मैंने अपनी मां को मेरे साथ रहने के लिए कहा, मगर वह अपने गांव में समय बिताना चाहती है. इसके अलावा, मुझे मां के साथ बिताने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला. अगर मैं प्रधानमंत्री बनकर घर से निकला होता, तो मेरा मन रहता की सब वहीं रहे. किन मैंने बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था और इसलिए लगाव, मोहमाया सब मेरी ट्रैनिग के कारण छूट गया.
  4. पीएम मोदी ने कहा कि इतने लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहा लेकिन मुझे कभी गुस्सा व्यक्त करने का अवसर नहीं आया. मैं सख्त हूं, अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता. सख्त होने और गुस्सैल होने में अंतर है. आपको अनुशासित होने की जरूरत होती है. अक्सर कोशिश करता हूं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं. सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं.
  5. ह्यूमर के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि 'मैं कभी किसी से मिलता हूं तो मेरा कभी कोई फोन नहीं आता है. मैंने खुद को जीवन को ऐसा अनुशासित बनाया है. जहां तक ह्यूमर का सवाल है तो मेरे परिवार में मैं हमेशा पिता जी की नाराजग होते थे तो पूरे माहौल को हल्का कर देता था.'

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