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पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने दी 2.50 रुपये की राहत, यूपी, एमपी सहित इन राज्यों ने भी घटाई कीमतें, 10 बातें...

केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उतराखंड, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, असम, त्रिपुरा और जम्मू कश्मीर ने भी वैट में कटौती की घोषणा कर दी है.

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती की घोषणा की. इसमें 1.50 रुपये की कमी एक्साइज ड्यूटी में की गई है, जबकि पेट्रोलियम का खुदरा काम करने वाली सरकारी कंपनियों को एक रुपये प्रति लीटर का बोझ वहन करने के लिए कहा गया है. केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उतराखंड, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, असम, त्रिपुरा और जम्मू कश्मीर ने भी वैट में कटौती की घोषणा कर दी है. इससे राज्यों में तेल की कीमतों में लोगों को 5 रुपये तक की राहत मिलेगी. तेल की कम हुई कीमते आज आर 12 बजे से लागू हो जाएगी. भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के चार साल के कार्यकाल में यह दूसरी बार है जब पेट्रोलियम पर उत्पाद शुल्क में कटौती की गई है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उत्पाद शुल्क में कटौती से केंद्र सरकार को 10,500 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान होगा. जेटली ने राज्य सरकारों से भी इसी अनुपात में बिक्री कर या वैट में कटौती करने का आग्रह किया.

5 रुपये तक सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच नौ किस्तों में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 11.77 रुपये और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की थी. वहीं, पिछले साल अक्टूबर में इसमें दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी. हालांकि इस दौरान कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी.
  2. पेट्रोल-डीजल की कीमतों के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने उनके दाम कम करने के इन उपायों की घोषणा की है. पेट्रोल-डीजल की सबसे कम कीमत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में है. दिल्ली में पेट्रोल 84 रुपये प्रति लीटर और डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर पर है.
  3. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्होंने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की और इस पर अंतर-मंत्रालयी विचार विमर्श किया. उन्होंने कहा कि ग्राहकों को तीन तरीके से कीमत कटौती का फायदा पहुंचाने की व्यस्था की गई है. 
  4. अरुण जेटली ने कहा, 'पेट्रोलियम कीमतें बढ़ने से राज्यों का राजस्व बढ़ा है और राज्यों के लिए ढाई रुपये प्रति लीटर तक बोझ वहन करना आसान होगा.' उन्होंने कहा कि यह उन राज्यों और उनके नेताओं के लिए परीक्षा की घड़ी है जो सिर्फ मौखिक सहानुभूति जताते हैं और ट्वीट करते रहते हैं. 'अब वह क्या करेंगे यह देखना होगा.'
  5. पिछले महीने राजस्थान, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश ने भी ग्राहकों को राहत देने के लिए वैट में कटौती की थी. मध्य अगस्त से अब तक पेट्रोल की कीमत में 6.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 6.73 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
  6. सरकारी पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के एक रुपये प्रति लीटर का बोझ वहन करने के निर्देश को पेट्रोल-डीजल पर फिर से सरकारी नियंत्रण स्थापित करने के तौर पर देखा जा रहा है. अभी इनकी कीमतें बाजार के आधार पर तय होती हैं.
  7. सरकार की इस घोषणा के बाद इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है.
  8. सरकारी कंपनियों की आय पर इस एक रुपये प्रति लीटर कीमत वहन करने का सालाना बोझ 10,700 करोड़ रुपये होगा. इसमें करीब आधा बोझ इंडियन ऑयल पर और बाकी का बोझ हिस्सेदारी हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम पर जा सकता है.
  9. ब्रेंट क्रूड बुधवार को चार साल के उच्चतम स्तर 86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि अमेरिका में ब्याज दर सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई. 
  10. जेटली ने कहा कि उत्पाद शुल्क में डेढ़ रुपये की कटौती से चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि में 10,500 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान होगा, जबकि पूरे साल में यह नुकसान 21,000 करोड़ रुपये होगा. इन पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमत में आधा हिस्सा करों का है.

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