
दिल्ली के लाखों निवासी शुक्रवार से 'सफर' के नए प्रयोग से रूबरू होंगे। देश की राजधानी से प्रदूषण कम करने के लिए एक जनवरी से आड-ईवन फार्मूले को लागू किया जाएगा, जिसके तहत सम-विषम नंबर की निजी कारें (खास मामलों में रियायत के साथ )एक-एक दिन के अंतराल से सड़क पर चल सकेंगी।
सम-विषम फार्मूले से जुड़े खास बिंदु....
शहर से प्रदूषण कम करने के लिए सम और विषम नंबर वाली निजी कारों को एक जनवरी से एक-एक दिन के अंतर से उतारने की इजाजत होगी। इसके साथ ही प्रदूषण के लिहाज से कुछ और उपाय किए जाएंगे जिसमें कोयले से चलने वाले कुछ पावर प्लांट को बंद करना और धूल कम करने के लिए सड़कों की वेक्यूम क्लीनर से सफाई की जाएगी। सम-विषम फार्मूला में वकीलों की ओर से छूट दिए जाने का अनुरोध किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इस तर्क के साथ आग्रह को ठुकरा दिया कि डॉक्टर्स को भी सम-विषम फार्मूले से छूट नहीं दी गई है। वीआईपी, रक्षा और दूतावास सहित 25 श्रेणियों से जुड़ी शख्सियतों को इस मामले में रियायत हासिल है।
दिल्ली सरकार ने अदालत की ओर से प्रदूषण कम करने के लिए मिले सख्त दिशानिर्देश के बाद इस योजना की घोषणा की है। गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के 'सुरक्षित' की सीमा से करीब 10 गुना ऊपर पहुंच गया।
यह नई बंदिशें सुबह रोजाना आठ से रात आठ बजे तक (रविवार को छोड़कर) लागू होंगी। इसके तहत विषम संख्या वाली तारीख को विषम नंबर प्लेट वाली निजी कार और सम संख्या वाली तारीख को ऐसी ही नंबर प्लेट वाली निजी कार देश की राजधानी में ले जाने की इजाजत होगी।
शुरुआत में इस योजना को दो सप्ताह के ट्रायल के तौर पर लागू किया जा रहा है। बाद में सफलता के आधार पर इस प्रयोग को आगे बढ़ाने के बारे में फैसला होगा।
कुछ आलोचकों का मानना है कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की आदत के कारण यह प्रयोग देश की राजधानी में सफल नहीं होगा। इनका मानना है कि लोग दूसरी कार खरीदने या फर्जी नंबर प्लेट जैसे 'जुगाड़ ' वाले उपाय कर योजना को नाकाम बनाने का प्रयास करेंगे।
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 'सबसे बड़ी चुनौती लोगों को इस बात का अहसास कराने की है कि प्रदूषण की यह जंग उनके स्वास्थ्य की खातिर है। यह उनके भले के लिए है।' उन्होंने कहा कि लोग ऐसे जुगाड़ का इंतजाम कर केवल अपना ही नुकसान करेंगे। ऐसा कोई मेजिक बटन नहीं है जिससे तुरतफुरत प्रदूषण कम किया जा सके।
सीमित निजी कारें चलने के दबाव को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने करीब 3000 प्राइवेट बसें हायर की हैं। ट्रायल खत्म होने की तारीख 15 जनवरी तक राजधानी के स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं ताकि उनकी बसों का जरूरत पर उपयोग किया जा सके।
ट्रैफिक पुलिस और करीब 10 हजार कार्यकर्ता चेकपाइंट पर निगरानी रखेंगे और नियमों को उल्लंघन करने वालों पर दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली की सड़कों पर रोजाना करीब 85 लाख वाहन चलते हैं । इस संख्या में रोजाना करीब 1400 नई कारों का इजाफा हो जाता है। इन वाहनों के प्रदूषण के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले साल दिल्ली की दुनिया की 1600 सबसे प्रदूषित शहरों में रखा था।
दिल्ली के वायु प्रदूषण का स्तर इस ठंड के सीजन में उस समय और गिर गया जब पड़ोसी राज्यों फसलों के अवशेषों को खेतो में जलाया। इसके धुएं ने पर्यावरण को और खराब करने का काम किया।