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श्री श्री रविशंकर का कार्यक्रम : जल संसाधन मंत्रालय ने एनजीटी से कहा, मंजूरी नहीं दी

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नई दिल्ली:

बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि श्री श्री के कार्यक्रम को सारी मंजूरी है, लेकिन उनके मंत्रालय का कहना है कि मंजूरी नहीं है। जल संसाधन मंत्रालय ने एनजीटी को जानकारी दी है कि उन्होंने मंजूरी नहीं दी। इस मामले को लेकर एनजीटी में सुनवाई जारी है।

  1. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जहां तक श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम का सवाल है तो मंजूरी के साथ हो रहा है और एनजीटी के पास यह मामला है। वह इस पर फैसला देगा। जहां तक श्री श्री रविशंकर जी का सवाल तो वह पर्यावरण के पक्ष में पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। पर्यावरण को ठीक करने के लिए उनकी संस्थाएं और वह स्वयं काम कर रहे हैं। उनकी नियत पर शक करना ठीक नहीं है। जहां तक सवाल है इस पूरे प्रकरण का सवाल है तो एनजीटी इस पूरे मामले पर सुनवाई कर रहा है। उनका जो कार्यक्रम हो रहा है वह अनुमति के साथ हो रहा है। कोई गैर-कानूनी कार्यक्रम नहीं हो रहा है।
  2.  इस मामले का आकलन करने में जुटे विशेषज्ञों के मुताबिक, यमुना पुश्ते को नुकसान पहुंचाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग संस्था को 100 करोड़ रुपये हर्जाना देना चाहिए।
  3. यमुना बैंक के करीब 1000 एकड़ एरिया को अस्थायी गांव के तौर पर तैयार किया गया है जहां आर्ट ऑफ लिविंग का तीन दिन का वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल होना है। यहां योगा, मेडिटेशन और शांति प्रार्थनाओं के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होने हैं।
  4. प्रोफेसर सीआर बाबू को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा इस जगह के आकलन का काम सौंपा गया था। उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि यमुना पुश्ते को नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान की भरपाई के लिए आर्ट ऑफ लिविंग को 100 से 120 करोड़ रुपये देने चाहिए।
  5. एनजीटी में मंगलवार को इस पर कोई फैसला नहीं हो सका। एनजीटी ने केंद्र सरकार से पूछा है कि यमुना किनारे किसी भी अस्थायी ढांचे को बनाने के लिए इन्वायरन्मेंटल क्लियरेंस की ज़रूरत क्यों नहीं है?
  6. एनजीटी ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस दिया है और पूछा है कि उन्होंने इस कार्यक्रम से होने वाले नुकसान का आकलन किया है या नहीं। दूसरी ओर आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से कहा गया है कि उसने सभी शर्तें पूरी करते हुए कार्यक्रम की इजाज़त मांगी है।
  7. इधर, एनजीटी में इस सवाल पर सुनवाई चलती रही कि यमुना किनारे यह कार्यक्रम कराना कितना ख़तरनाक है। आर्ट ऑफ लिविंग के वकीलों ने कहा कि संस्था ऐसे कार्यक्रम दुनिया भर में कराती है। आयोजन नदी में नहीं, नदी किनारे हो रहा है। वहीं श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि उनके लोग नदी की सफ़ाई में लगे हैं न कि नदी को गंदा करने में। पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाली सामग्री काम में लाई जा रही है।
  8. वहीं डीडीए की शिकायत यह है कि आर्ट ऑफ लिविंग ने उन्हें कार्यक्रम की पूरी जानकारी नहीं दी। एनजीटी के सामने डीडीए ने कहा कि कार्यक्रम को नियमों के तहत मंजूरी दी गई, लेकिन मंजूरी से ज्यादा जगह घेरी गई।
  9. श्री श्री रविशंकर के मेहमानों को मच्छरों या दूसरे कीड़ों से दिक्कत न हो, इसके लिए मंगलवार को यमुना किनारे कीटनाशकों का छिड़काव किया गया। एमसीडी के 300 लोग यहां कामकाज में लगे हुए हैं, हालांकि अफ़सर नहीं मानते कि इस छिड़काव से कोई खतरा है।

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