ND Tiwari Dies: दो राज्यों के मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते शख्स थे एनडी तिवारी, जानिये उनसे जुड़ी 10 बातें...

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी (ND Tiwari Dies) का निधन हो गया. नारायण दत्त तिवारी (ND Tiwari) का निधन दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उनके जन्मदिन के दिन ही हुआ. वह 93 साल के थे.

ND Tiwari Dies: दो राज्यों के मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते शख्स थे एनडी तिवारी, जानिये उनसे जुड़ी 10 बातें...

ND TIWARI DIES: एनडी तिवारी का 93 साल की उम्र में दिल्ली के मैक्स अस्पताल निधन.

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी (ND Tiwari Dies) का निधन हो गया. नारायण दत्त तिवारी (ND Tiwari) का निधन दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उनके जन्मदिन के दिन ही हुआ. वह 93 साल के थे. एनडी तिवारी बीते एक साल से बीमार चल रहे थे. वह इकलौते ऐसे शख्स थे, जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं. वह तीन बार उत्तरप्रदेश और एक बार उत्तराखंड के सीएम रह चुके हैं. एनडी तिवारी आंध्र  प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह केंद्र में वित्त और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. एनडी तिवारी ने दोपहर दो बजकर 50 मिनट पर मैक्स में आखिरी सांस ली. उन्हें 26 अक्टूबर को अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था. वह बुखार और निमोनिया से पीड़ित थे.

दिल्ली के मैक्स अस्पताल में ली आखिरी सांस

  1. नारायण दत्त तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वह 1976-77, 1984-85, 1988-89 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे. वहीं 2002 से 2007 तक वह उत्तराखंड के सीएम भी रहे. एनडी तिवारी राजीव गांधी कैबिनेट में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. साल 2007 से 2009 तक एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं.

  2. नारायण दत्त तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था. तब उत्तर प्रदेश का गठन भी नहीं हुआ था. भारत का यह हिस्सा 1937 के बाद से यूनाइटेड प्रोविंस के तौर पर जाना गया और आजादी के बाद संविधान लागू होने पर इसे उत्तर प्रदेश का नाम मिला.

  3. एनडी तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एमए किया. 1947 में आजादी के साल ही एनडी तिवारी इस विश्वविद्यालय में छात्र यूनियन के अध्यक्ष चुने गए. यह उनके सियासी जीवन की पहली सीढ़ी थी. आजादी के बाद 1950 में उत्तर प्रदेश के गठन और 1951-52 में प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव में एनडी तिवारी कांग्रेस की हवा के बावजूद जीत गए और पहली विधानसभा के सदस्य के तौर पर सदन में पहुंच गए. 

  4. कांग्रेस के साथ तिवारी का रिश्ता 1963 से शुरू हुआ. 1965 में वह कांग्रेस के टिकट पर काशीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए और पहली बार मंत्रिपरिषद में उन्हें जगह मिली. कांग्रेस के साथ उनकी पारी कई साल चली.

  5. 1968 में जवाहरलाल नेहरू युवा केंद्र की स्थापना के पीछे उनका बड़ा योगदान था. 1969 से 1971 तक वे कांग्रेस की युवा संगठन के अध्यक्ष रहे. एक जनवरी 1976 को वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. यह कार्यकाल बेहद संक्षिप्त था. 1977 के जयप्रकाश आंदोलन की वजह से 30 अप्रैल को उनकी सरकार को इस्तीफा देना पड़ा.

  6. 1990 में एक वक्त ऐसा भी था जब राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी दावेदारी की चर्चा भी हुई. आखिरकार कांग्रेस के भीतर पीवी नरसिंह राव के नाम पर मुहर लग गई. बाद में तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए, लेकिन यहां उनका कार्यकाल बेहद विवादास्पद रहा.

  7. वर्ष 2009 में जब एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे, उस दौरान उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे. इस पर काफी किरकिरी होने पर कांग्रेस ने एनडी तिवारी को हाशिए पर डाल दिया.

  8. वर्ष 2008 में रोहित शेखर ने उन्हें जैविक पिता बताते हुए कोर्ट में मुकदमा कर दिया था. जिस पर कोर्ट ने डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया तो एनडी तिवारी ने अपना नमूना ही नहीं दिया. बाद में कोर्ट के आगे नतमस्तक होते हुए एनडी तिवारी ने रोहित को अपना कानूनी रूप से बेटा मानते हुए संपत्ति का वारिस बनाया.

  9. वहीं उज्जवला से 88 साल की उम्र में शादी की. दरअसल उज्जवला से एनडी तिवारी के पुराने प्रेम संबंध रहे, मगर उन्होंने शादी नहीं की थी. 

  10. पितृत्व विवाद में फंसने के बाद रोहित शेखर को अपना बेटा मानने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से 89 साल की उम्र में विधिवत विवाह किया.