पुलिस की रोक के बावजूद गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी और उनके समर्थक राजधानी दिल्ली के संसद मार्ग पर युवा हुंकार रैली की. पुलिस ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल रैली के आदेशों का हवाला देते हुए रैली की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. हालांकि रैली के आयोजक और जिग्नेश रैली करने पर अड़े रहे.
हुंकार रैली में जिग्नेश ने पीएम पर साधा निशाना
मेवाणी ने कहा, हमें लोकतंत्र में भरोसा है और हम संविधान की ही बात करेंगे और इश्क मोहब्बत का ही गाना गाएंगे.
मेवाणी ने कहा कि मोदी जी जितनी बार अहमदाबाद आते थे हमे डीटेन किया जाता था और आज हम दिल्ली आए हैं तो हमारे साथ भी यही कर रहे हैं.
जिग्नेश ने कहा-22 साल से गुजरात के अंदर तोड़ने की लड़ाई हुई हम तो सिलाई वाले हैं जोड़ने आए हैं. उन्होंने कहा कि हम लव जिहाद वाले नहीं हैं.
मेवाणी ने कहा, जिस तरह गुजरात में हार्दिक, अल्पेश और मैंने उनका 150 सीटों का घमंड तोड़ दिया, इसलिए हमें टारगेट किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, हम किसी जाति या धर्म के ख़िलाफ़ नहीं हैं. हम देश के संविधान को मानते हैं. हम फूले और अंबेडकर को मानने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि सुबह से मीडिया के साथी पूछ रहे हैं कि आपको पुलिस अनुमति नहीं मिली. देश की जनता भी यह देख रही है कि अगर एक चुने हुए विधायक को चंद्रशेखर की आज़ादी और युवाओं के रोज़गार की बात उठाने की इजाज़त नहीं है. उन्होंने कहा कि आपको जवाब देना होगा कि चंद्रशेखर रावण रासुका में क्यों बंद है.
उन्होंने कहा कि ऊना सहारनपुर के बारे में जवाब देना होगा. मध्य प्रदेश में किसानों पर गोली क्यों चलाई गई? रोहित वेमूला की हत्या क्यों हुई? हम ये सवाल गुजरात विधानसभा और सड़को पर पूंछेंगे.
उन्होंने कहा कि हम संविधान और लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं. हम मोहब्बत की बात करना चाहते हैं, कि 4 सालों में लव जिहाद, घर वापसी, गौ माता पर राजनीति की गई है. एक नकली दुश्मन खड़ा करने की कोशिश की जा रही है
उन्होंने कहा कि इस देश में दलित, भूमिहीनों को ज़मीन आवंटित हो. किसी व्यक्ति को गटर में उतरकर मरना न पड़े. हम सभी युवा प्रधानमंत्री से सवाल पूंछना चाहते हैं कि आप संविधान चुनेंगे या मनुस्मृति चुनेंगे.
उन्होंने कहा कि भीमा-कोरेगांव में जो हिंसा हुई उसमें किसी जिग्नेश मेवाणी को नहीं आपको जवाब देना होगा.