दिल्ली सरकार ने कारों पर एक बार लगने वाले पार्किंग शुल्कों और व्यावसायिक वाहनों के लिए वार्षिक शुल्कों को एक जनवरी 18 गुना बढ़ाने के अपने आदेश को वापस ले लिया है. दिल्ली परिवहन विभाग ने शुक्रवार को शहर के तीनों नगर निगमों द्वारा बढ़ोतरी की एक सिफारिश को मंजूरी दे दी थी. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इसमें ‘अनियमितताओं’ के चलते अपने विभाग के पूर्व आदेश को सोमवार को वापस लेने का निर्देश दिया. मंत्री ने अपने आदेश में कहा, ‘‘दक्षिण/उत्तर/पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में पार्किंग शुल्कों में बढ़ोतरी के सिलसिले में उप लेखा नियंत्रक प्रदीप कुमार के 21 दिसंबर 2018 के हस्ताक्षर से परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश कई कारणों से अनियमितता प्रतीत हो रहा है’’. गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ‘‘परिवहन विभाग को दक्षिण/उत्तर/पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में पार्किंग शुल्क बढ़ाने के संबंध में 21 दिसंबर के आदेश को वापस लेने के लिए कहा गया है. आइये आपको बताते हैं वे पांच कारण जिनके चलते दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्किंग चार्ज पर खुद अपने ही नियंत्रण वाले परिवहन विभाग का आदेश वापस लेने का निर्देश दिया.
ये हैं 5 कारण
- परिवहन विभाग ने आदेश बिना परिवहन मंत्री को दिखाए जारी कर दिया यानी चुनी हुई सरकार को खबर भी नहीं और दिल्ली में 1 जनवरी से गाड़ी खरीदना महंगा हो जाएगा, ऐसा आदेश जारी हो गया.
- पार्किंग शुल्क और व्यावसायिक वाहनों के लिए वार्षिक शुल्क को बढ़ाए जाने से संबंधित आदेश जारी करने से पहले कानून मंत्रालय की राय नहीं ली गई.
- दिल्ली की तीन नगर निगम. उत्तर दक्षिण और पूर्वी नगर निगम दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के तहत आती हैं. पार्किंग चार्ज में बदलाव के लिए उसको नोटिफ़िकेशन करना चाहिए था.
- एनडीएमसी और दिल्ली कैंट बोर्ड में पार्किंग लॉट का कोई जिक्र नहीं.
- परिवहन आयुक्त रही वर्षा जोशी अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त बन गई हैं, लेकिन परिवहन आयुक्त के तौर पर उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन इस आदेश को जारी कर दिया. सरकार के साथ उनके संबंध हमेशा से खराब रहे हैं, इसलिए ऐसा आदेश शुरू से ही वापस लिए जाने की संभावना थी.