चक्रवाती तूफान ओखी धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जा रहा है और पहले के अनुमान के मुताबिक गुजरात में सूरत तट तक उसके पहुंचने की अब संभावना नहीं है. यह जानकारी मंगलवार रात को मौसम विज्ञान विभाग ने दी. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक चक्रवात ओखी 'गहरे दबाव' के क्षेत्र में तब्दील हो चुका है और मंगलवार देर रात दक्षिण गुजरात में दबाव क्षेत्र के तौर पर दस्तक दे सकता है. गहरे दबाव का क्षेत्र सूरत से 240 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित है.
ओखी तूफान से जुड़ी ताजा जानकारियां
इससे पहले मौसम विभाग की तरफ से जारी बुलेटिन में बताया गया था कि इसके धीरे-धीरे कमजोर होने का अनुमान है और 5 दिसंबर की रात तक यह सूरत के पास दक्षिण गुजरात और पड़ोसी महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों से गुजर सकता है.
कुछ दक्षिणी राज्यों में दहशत फैलाने के बाद ओखी चक्रवात मंगलवार को मुंबई तट से होकर गुजरा. चक्रवात के चलते मुंबई और इसके उपनगरीय इलाकों में सुबह से बारिश हुई लेकिन दोपहर तक यह थम गई.
बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक चक्रवात का कोई प्रभाव नहीं पड़ा और महानगर में सड़क एवं रेल यातायात सामान्य है।
गुजरात के राजस्व विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार के अनुसार कम से कम नौ जिलों में मंगलवार सुबह से हल्की बारिश हुई.
केंद्र सरकार ने मंगलवार को चक्रवात ओखी को देखते हुए परामर्श जारी करके महाराष्ट्र और गुजरात के भागों में नदियों का जलस्तर 'तेजी से' बढ़ने की चेतावनी दी थी.
जल संसाधन मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा से अगले तीन दिन तटीय क्षेत्रों में पर्याप्त निगरानी रखने को कहा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को गुजरात और तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्रियों से बातचीत की और केंद्र सरकार द्वारा हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.
नड्डा ने कहा कि उनका मंत्रालय सभी तरह के संसाधनों और किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए डॉक्टरों को तैयार रखी हुई है.
उन्होंने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सहायता पहुंचाने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में रहें.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि ओखी के तमिलनाडु और केरल तटों से टकराने के बाद 39 लोग मारे गए और 167 मछुआरे अब भी लापता हैं.