सीएम धामी ने कहा कि भू-धंसाव के कारण जितना नुकसान होना था, हो चुका और आगे सब ठीक हो जाएगा.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ में मुआवजे का मुद्दा सुलझाने के लिए वहीं रुके हुए हैं. उन्होंने शहर का जायजा लेने के बाद प्रभावित लोगों के लिए अंतरिम सहायता की घोषणा की. सीएम धामी ने कहा कि हम जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े हैं. प्रधानमंत्री स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. प्रभावित लोगों के हितों का ध्यान रखा जाएगा.
जोशीमठ में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चिह्नित असुरक्षित भवनों में से केवल दो होटल को ही अभी तोड़ा जाएगा और यह भी सबकी सहमति से होगा. उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को सम्मिलित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन तथा चारधाम यात्रा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाए कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी विकास कार्य हो रहा है, वहां 'पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन' होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने समुचित तरीके से राहत और पुनर्वास कार्यों को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि अंतरिम राहत की घोषणा लोगों को फौरी रूप से राहत देने के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि यहां भू-धंसाव के कारण जितना नुकसान होना था, वह हो चुका है और आगे सब ठीक हो जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है.
वहीं, बद्रीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा राशि की मांग को लेकर अड़े स्थानीय लोगों ने असुरक्षित घोषित की जा चुकी इमारतों को तोड़ने की कार्रवाई में बाधा पहुंचाई. प्रभावित परिवारों के बीच पैकेज राशि के वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर सुनिश्चित करने के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भू-धंसाव प्रभावित के रूप में चिह्नित किया गया है, जिनमें से बुधवार तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया.
जोशीमठ में दो होटल सात मंजिला 'मलारी इन' और पांच मंजिला 'माउंट व्यू' दरारें आने के कारण एक दूसरे की ओर खतरनाक तरीके से झुक गए हैं और उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं. रूडकी स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की मदद से इसे गिराया जाना है.
बद्रीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा देने की मांग कर रहे होटल मालिक और स्थानीय लोगों की मुख्यमंत्री के सचिव और शहर के लिए नोडल अधिकारी मीनाक्षी सुदंरम से बातचीत हुई, लेकिन वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी.
इससे पहले मुख्यमंत्री की सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि बाजार दर के अनुसार पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित में हितधारकों के सुझावों के बाद बाजार दर तय की जाएगी.
'मलारी इन' होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि हम बद्रीनाथ की तर्ज पर मुआवजा चाहते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री के सचिव ने कहा कि यह संभव नहीं है और मुआवजा बाजार दर पर दिया जा सकता है.