बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती पर फोड़ा ठीकरा राम माधव ने कही ये 10 बड़ी बातें

बीजेपी ने कहा कि राज्य में मौजूदा हालात में सरकार चलाना मुश्किल हो गया था. केंद्र सरकार की ओर से पूरी मदद की गई लेकिन लेकिन महबूबा मुफ्ती पूरी तरह से नाकाम साबित हो गईं.

बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती पर फोड़ा ठीकरा राम माधव ने कही ये 10 बड़ी बातें

सीजफायर के मुद्दे पर बीजेपी और पीडीपी के बीच गहरे मतभेद हो गये थे.

नई दिल्ली: बीजेपी ने अचानक जम्मू-कश्मीर में महबूबा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. आज ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य के सभी बीजेपी नेताओं और बीजेपी कोटे से बने मंत्रियों को आपात बैठक में बुलाया था और पीडीपी को बिना भनक लगे समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया. बीजेपी ने कहा कि राज्य में मौजूदा हालात में सरकार चलाना मुश्किल हो गया था. केंद्र सरकार की ओर से पूरी मदद की गई लेकिन लेकिन महबूबा मुफ्ती पूरी तरह से नाकाम साबित हो गईं.

10 बड़ी बातें

  1. बीजेपी के महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने कहा हम खंडित जनादेश में साथ आए थे. लेकिन इस मौजूदा समय के आकलन के बाद इस सरकार को चलाना मुश्किल हो गया था. 

  2. महबूबा हालात संभालने में नाकाम साबित हुईं. हमने एक एजेंडे के तहत सरकार बनाई थी. केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार की हर संभव मदद की. 

  3. गृहमंत्री समय-समय पर राज्य का दौरा करते रहे. सीमा पार से जो भी पाकिस्तान की सभी गतिविधियों को रोकने के लिये सरकार और सेना करती रही.

  4. एजेंसियों, पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राज्य के नेताओं से सलाह लेने के बाद समर्थन वापस लेने का फैसला लिया गया.

  5. हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार की हत्या कर दी गई. राज्य में बोलने और प्रेस की आजादी पर खतरा हो गया था

  6. राज्य सरकार की किसी भी मदद के लिये केंद्र सरकार करती रही. लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से असफल रही. 

  7. जम्मू और लद्दाख में विकास का काम भी नहीं हुआ. कई विभागों ने काम की दृष्टि से अच्छा काम नहीं किया.

  8. बीजेपी के लिये जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन आज जो स्थिति है उस पर नियंत्रण करने के लिये हमने फैसला किया है कि हम शासन को राज्यपाल का शासन लाये. 

  9. रमजान के महीने में हमने सीजफायर कर दिया था. हमें उम्मीद थी कि राज्य में इसका अच्छा असर दिखेगा. यह कोई हमारी मजबूरी नहीं थी.  न तो इसका असर आतंकवादियों पर असर पड़ा और न हुर्रियत पर. 

  10. केंद्र सरकार ने घाटी में हालात संभालने के लिये पूरी कोशिश की है. आतंकवाद के खिलाफ हमने व्यापक अभियान चलाया था जिसका हमें फायदा भी हुआ राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद आतंकवाद के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. घाटी में शांति स्थापित करना हमारा एजेंडा था.