उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले (Bulandshahr) में गोकशी के संदेह में भड़की हिंसा की आग में दो जिंदगियां बर्बाद हो गईं. गोकशी के शक के बाद भड़की हिंसा में भीड़ ने ऐसा बवाल काटा कि इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) और एक आम नागरिक की मौत हो गई. इतना ही नहीं, उपद्रवियों ने पुलिस चौकी फूंक दी और दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया. बुलंदशहर हिंसा में तनाव के मद्देनजर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं, शहीद इंस्पेक्टर को आज 10 बजे पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी जाएगी. श्रधांजलि के बाद पार्थिव शरीर को पैतृक घर एटा जिले के तरगवां गांव ले जाया जाएगा. प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एडीजी इंटेलीजेंस को सौंपी है जो 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देंगे. इसके साथ ही मेरठ रेंज के महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया है. मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले पर दुख व्यक्त किया है. चलिए जानते हैं इस हिंसा मामले से जुड़ी अहम बातें....
बुलंदशहर हिंसा से जुड़ी 10 अहम बातें
- बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत गोली लगने से हुई. पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अनुसार सुबोध सिंह को बांयी आंख की भौं के पास गोली लगी. यह गोली .32 की थी. उपद्रवी सुबोध कुमार सिंह की सरकारी पिस्टल भी लूटकर ले गए.
- भीड़ से घिरे हुए इंस्पेक्टर के चारों तरफ गोलियों की आवाजें आती रहीं. गोकशी के आरोपों में एक घंटे तक चली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह अपना फ़र्ज़ निभाते हुए मारे गए. हिंसक भीड़ ने पुलिस चौकी जला दी और पुलिस पर पथराव किया. गोकशी के इल्ज़मों से वे भड़के हुए थे. पुलिस ने 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलन्दशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है. उन्होंने शहीद पुलिस अफसर की पत्नी को 40 लाख रूपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रूपये की सहायता की घोषणा की.
- एडीजी आनंद ने बताया कि जिलाधिकारी बुलंदशहर ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये है. अभी इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात नामजद हैं लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से इन लोगों के नाम नहीं बताये जा सकते हैं. उपद्रव के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी मौत इलाज के दौरान मेरठ के अस्पताल में हो गयी है. उसे गोली लगी थी. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत किसकी गोली से हुई है.
- एडीजी के मुताबिक कथित गोकशी की घटना के बाद एफआईआर लिख ली गयी थी लेकिन भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया था. इसी जाम को हटाने के दौरान भीड़ उग्र हो गयी और दोपहर 12 से डेढ़ बजे के बीच पथराव और हिंसा हुई. उन्होंने कहा कि जिले में पांच कंपनी आरएएफ तथा छह कंपनी पीएसी पहले से ही तैनात थी और पुलिस बल भेजा जा रहा है.
- एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने लखनऊ में सोमवार को बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि बाई आँख के ऊपर गोली लगी है, इसके अलावा सर पर भी किसी भारी चीज़ की चोट के निशान पाए गए हैं.
- बुलंदशहर में भीड़ के पुलिस पर हमले की घटना को लेकर डीएम अनुज झा ने बताया कि 10-11 बजे के बीच हमें सूचना मिली की गोकशी की गई है. खेत में गौवंश के अवशेष मिले. वहां पर पुलिस के लोग पहुंचे. उन्होंने लोगों को समझाया. इस बीच करीब तीस-चालीस लोग अवशेष ट्राली में भरकर रोड जाम करने लगे. पुलिस ने धक्का लगाकर ट्राली हटाने की कोशिश की, लेकिन पथराव शुरू हो गया. इसमें हमारे एसएचओ की मौत हो गई.
- अनुज झा ने बताया कि मौके पर जब सुबोध सिंह के साथियों ने देखा कि वे घायल हो गए तो उन्हें गाड़ी में ले जाने लगे, लेकिन गाड़ी पर फिर पथराव हो गया. उन्होंने बताया कि जिस समय वीडियो बनाया गया उस समय वापस पथराव शुरू हो गया. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां वे मृत पाए गए.
- क्या हुआ? : बुलन्दशहर से मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर गोवंश के अवशेष मिले थे. यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया. गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे. सूत्रों के अनुसार गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे. इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए. साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी.
- उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के आरोपों के बाद भड़की हिंसा में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) दादरी के अखलाक हत्याकांड में जांच अधिकारी भी रहे थे. उन्होंने 28 सितम्बर 2015 से 9 नवम्बर 2015 तक मामले की जांच की थी. हालांकि जांच के दौरान ही उनका वाराणसी तबादला कर दिया गया था. उनके तबादले के बाद अखलाक हत्याकांड में दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी.