Budget 2019 Highlights In Hindi : लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट (Budget 2019) में मध्यम वर्ग, किसानों और मजदूरों के लिये लोक लुभावन घोषणायें कीं. अंतरिम बजट (interim budget 2019) पेश करने के दौरान प्रस्तावों में मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने तथा दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की पेशकश की है. इसके अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये तीन हजार रुपये मासिक पेंशन योजना की भी घोषणा की गई है. अंतरिम बजट भाषण को कमोबेश पूर्ण बजट में बदलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने उन वर्गों का खास खयाल रखा है जिनके चलते माना जा रहा था कि भाजपा को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में नुकसान हुआ. यही वजह है कि अंतरिम बजट में किसानों व मध्यम वर्ग को राहत देने के साथ ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा की है. इन तीन क्षेत्रों के लिए कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रूपये के बजट प्रावधान किये गये हैं जिसके जरिए लगभग 25 करोड़ लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है.
Budget 2019 Highlights : मोदी सरकार के अंतरिम बजट की खास बातें
आम चुनाव से पहले आमतौर पर सरकार अंतरिम बजट (Budget 2019) पेश करती है जिसमें नई सरकार बनने तक के लिये चार माह का लेखानुदान पारित कराया जाता है. चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी. पहले से रेल, कोयला मंत्रालय देख रहे पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को पिछले सप्ताह ही अरुण जेटली के स्थान पर वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया. जेटली पिछले महीने अपना इलाज कराने अचानक अमेरिका चले गये. हालांकि, इस बजट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि "पांच साल तक किसानों का जीवन बरबाद करने के बाद सरकार उन्हें केवल 17 रुपये प्रतिदिन दे रही है."
पीयूष गोयल ने वेतनभोगी, पेंशनर, छोटे व्यापारी और खुद का व्यवसाय करने वाले करीब तीन करोड़ मध्यमवर्गीय करदाताओं को 18,500 करोड़ रुपये की बड़ी राहत देते हुये उनकी पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा कि कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन पांच लाख रुपये तक की कर योग्य वार्षिक आय पर कर से पूरी छूट होगी. इस छूट से इस वर्ग के करदाताओं को शिक्षा और स्वास्थ्य उपकर सहित 13,000 रुपये की कर देनदारी के बदले अब कोई कर नहीं देना होगा.
पीयूष गोयल ने कहा ‘‘यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढे़ छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. इसके अलावा गृह ऋण पर दो लाख रुपये तक के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में योगदान, चिकित्सा बीमा, वरिष्ठ नागरिकों के लिये चिकित्सा-व्यय के तहत प्राप्त कर छूट से पांच लाख रुपये से भी अधिक सकल आय वाले व्यक्तियों को भी कर का कोई भुगतान नहीं करना होगा.''
बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है. मौजूदा कर स्लैब के मुताबिक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक वार्षिक आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लागू है. 60 वर्ष और उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम के वरिष्ठ नागरिकों के लिये तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की आय पहले से ही कर मुक्त है.
वित्तमंत्री के रूप में अंतरिम बजट 2019 पेश करते हुए पीयूष गोयल ने घोषणा की कि अब पांच लाख रुपये तक की करयोग्य आय वाले लोगों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा, हालांकि करयोग्य आय इससे ज़्यादा होने की स्थिति में मौजूदा दरों से ही टैक्स अदा करना होगा. इस घोषणा से उन सभी लोगों को कम से कम 13,000 रुपये की बचत होगी, जिनकी कुल करयोग्य आय पांच लाख रुपये या उससे कम होगी. अब तक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक की करयोग्य आय पर पांच फीसदी टैक्स देना पड़ता था. पांच लाख रुपये से ज़्यादा करयोग्य होने की स्थिति में पांच फीसदी टैक्स की यही दर अब भी लागू होगी.
वित्त मंत्री ने बजट में दो हेक्टयेर तक की जोत वाले 12 करोड़ छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये तीन हजार रुपये की पेंशन देने के लिये ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना' शुरू करने का प्रस्ताव किया है. किसानों को सालभर में दो-दो हजार रूपये की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये उनके खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे. योजना चालू वित्त वर्ष में ही एक दिसंबर 2018 से लागू मानी जायेगी और इस साल इसके लिये 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. अगले पूरे वित्त वर्ष में किसान सम्मान निधि योजना के लिये 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये 100 रुपये के उनके मासिक योगदान के साथ 60 साल की आयु पूरी होने के बाद उन्हें 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी. 18 वर्ष की आयु में इस योजना से जुड़ने वालों कामगारों को 55 रुपये प्रतिमाह का अंशदान देना होगा जबकि 29 वर्ष की आयु में योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को 100 रुपये प्रतिमाह का अंशदान 60 वर्ष की आयु तक करना होगा. सरकार भी इस दौरान प्रत्येक माह बराबर की राशि पेंशन खाते में जमा करेगी.
बजट में उम्मीद जताई गई है कि अगले पांच वर्ष में कम से कम 10 करोड़ श्रमिक और कामगार प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना का लाभ उठायेंगे. योजना के लिये पहले साल बजट में 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद भारत को समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिये किस दिशा में बढ़ना होगा अंतरिम बजट उसकी बानगी मात्र है.
वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में मानक कटौती को दस हजार रुपये बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया. इससे विभन्न आयवर्ग के करदाताओं को उनकी वार्षिक आय के लिहाज से 2, 080 रुपये से लेकर 3,588 रुपये तक का कर लाभ होगा. इसके साथ ही बैंकों और डाकघर की जमा पर मिलने वाले ब्याज पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) सीमा को मौजूदा दस हजार से बढ़ाकर चालीस हजार रुपये कर दिया गया है. यानी अब 40,000 रुपये तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा. किराये से होने वाले 2.40 लाख रुपये तक की आय को भी टीडीएस से छूट दी गई है. वर्तमान में 1.80 लाख रुपये तक की किराया आय टीडीएस से छूट प्राप्त है.
अंतरिम बजट में रेलवे के किराए भाड़े में कोई वृद्धि नहीं की गयी है. बजट में रेलवे के लिए 1.58 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है और इसके लिए 64,587 करोड़ रुपये सामान्य बजट से उपलब्ध कराने का प्रावधान है. यह रेलवे के लिए अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक पूंजीगत खर्च की योजना है. इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर किराए के बढ़ने की अपेक्षा नहीं की जा रही थी. पिछले चालू वित्त वर्ष में रेलवे का पूंजीगत खर्च 1.48 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है तथा इसके लिए बजट से 55,088 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को लोकसभा में नये वित्त वर्ष का अंतरिम बजट पेश किया। रेल मंत्री का प्रभार भी संभाल रहे गोयल ने कहा कि भारतीय रेल के लिए वर्ष 2018-19 अब तक सबसे सुरक्षित साल रहा है और बड़ी लाइनों वाले नेटवर्क पर सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने अपने पहले बजट भाषण में कहा, ‘आगामी वित्त वर्ष के लिए रेलवे के लिए 1.58 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय कार्यक्रम है, जो अब तक की सर्वाधिक राशि है. स्वेदश में विकसित सेमी हाई-स्पीड ‘वंदे भारत एक्सप्रेस' का परिचालन शुरू होने से भारतीय यात्रियों को तेज रफ्तार, बेहतरीन सेवा एवं सुरक्षा के साथ विश्वस्तरीय अनुभव होगा.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को गाय के दूध का उत्पादन बढ़ाने और गायों की बेहतरी के लिए चाल रही योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ‘राष्ट्रीय कामधेनू आयोग' के गठन की घोषणा की. उन्होंने वर्तमान वित्त वर्ष में केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत संशोधित आवंटन को बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये करने का भी ऐलान किया जबकि बजट में इसके लिए 301.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. संसद में वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि यह आयोग गोवंश के आनुवंशिक उन्नयन को प्रोत्साहित करने और गायों के दूध उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में काम करेगा. उन्होंने कहा, “यह आयोग गो-कल्याण कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने और कल्याणकारी योजनाओं के कार्य को भी देखेगा.”