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कैराना उपचुनाव : क्या बीजेपी गोरखपुर-फूलपुर में विपक्ष को मिली जीत को साबित कर पायेगी तुक्का? 20 बड़ी बातें

सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर उनकी बेटी मृगांका सिंह को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है.

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कैराना उपचुनाव के लिये हुए मतदान के नतीजे 31 मई को आएंगे.
नई दिल्ली:

2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर अभी तक जो तस्वीर उभर रही है. उससे साफ है कि बीजेपी की अगुवाई में चल रहे एनडीए के सामने अच्छी-खासी मुश्किल खड़ी हो सकती है. गोरखपुर-फुलपुर में जहां बीएसपी और सपा ने मिलकर बीजेपी को हरा दिया तो कर्नाटक में जेडीएस के साथ मिलकर कांग्रेस ने सरकार बना ली और अब इस गठबंधन को 2019 तक ले जाने की तैयारी है. उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस, सपा, बीएसपी और आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी तबस्सुम को पूरा समर्थन दिया है. सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर उनकी बेटी मृगांका सिंह को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है.

कैराना उपचुनाव, 20 बड़ी बातें

  1. ईवीएम में गड़बडी़ के आरोप - प्रत्यारोप के बीच उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव के लिये मतदान में क्रमश: लगभग 54 प्रतिशत और 61 फीसदी मतदान हुआ.
  2. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वरलू ने बताया कि मतदान के दौरान तीन बैलेट यूनिट, तीन कंट्रोल यूनिट तथा लगभग 384 स्थानों पर वीवीपैट खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुईं. 
  3. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टवीट कर ईवीएम में गड़बड़ी होने की शिकायत की. उन्होंने कहा कि हजारों ईवीएम में खराबी की शिकायतें आ रही हैं.' 
  4. रालोद की उम्मीदवार तब्बसुम हसन ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि जानबूझकर ईवीएम और वीवीपैट मशीनों से हर जगह छेड़छाड़ की गई है. 
  5. सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि 'भाजपा फूलपूर और गोरखपुर का बदला लेना चाहती है इसलिए वे हमें किसी भी कीमत पर हराना चाहते हैं.' 
  6. वहीं, विपक्ष के आरोपों से इंकार करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सरकार ने चुनाव आयोग से स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान कराने को कहा है. विपक्ष के आरोप निराधार हैं.
  7. कैराना लोकसभा सीट के तहत शामली जिले की थानाभवन, कैराना और शामली विधानसभा सीटों के अलावा सहारनपुर जिले की गंगोह और नकुड़ विधानसभा सीटें आती हैं. 
  8. क्षेत्र में करीब 17 लाख मतदाता हैं.जिनमें मुस्लिम, जाट और दलितों की काफी संख्या.अमूमन जाट आरएलडी के पारंपरिक वोटर माने जाते हैं.
  9. लेकिन भाजपा ने इसमें सेंधमारी कर दी है. साल 2014 में पार्टी को ठीक-ठाक वोट मिला था. कैराना के जरिये भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर पकड़ बनाये रखना चाहती है.
  10. यहां काफी संख्या में किसान हैं. खासकर गन्ना किसान. ऐसे में इन चुनावों से यह भी साफ होगा कि किसान किस तरफ खड़े हैं.
  11. भाजपा सीट पर कब्जा बनाए रखने के लिए मतदाताओं , पार्टी कार्यकर्ताओं और विपक्ष को कड़ा संदेश दे रही है कि गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव एक भ्रम था.
  12. भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी है. योगी के साथ ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सहारनपुर और शामली में प्रचार किया। 
  13. इनके अलावा भाजपा ने कम से कम पांच मंत्रियों को चुनावी रण में प्रचार के लिए उतारा. इनमें आयुष राज्य मंत्री धर्म सिंह सैनी, गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और धार्मिक मामले , संस्कृति , अल्पसंख्यक कल्याण , वक्फ और हज मंत्री लक्ष्मी नारायण शामिल हैं. 
  14. भाजपा सांसद संजीव बाल्यान, राघव लखन पाल, विजय पाल सिंह तोमर और कांता करदम ने भी मृगांका सिंह के लिए प्रचार किया. 
  15. चीनी मिलों द्वारा किसानों का बकाया शीघ्रता से देने के सरकारी दावे को खारिज करते हुए तबस्सुम ने कहा, ‘‘क्षेत्र के गन्ना किसान सबसे ज्यादा दुखी हैं, क्योंकि राज्य सरकार ने उनका भुगतान नहीं किया है.’’ 
  16. 2016 में कैराना से हिन्दू परिवारों का पलायन होने के हुकुम के इस दावे पर रालोद की प्रत्याशी तबस्सुम ने कहा, ‘‘कैराना में ऐसा कुछ नहीं हुआ था.’’
  17. उन्होंने कहा, ‘‘ इलाका हरियाणा के पानीपत से सटा हुआ है, जहां उद्योग हैं और यहां से मजदूर (हिन्दू और मुस्लिम) सुबह वहां जाते हैं और शाम को लौटते हैं.’’ तबस्सुम ने कहा कि कैराना में हिन्दू और मुस्लिम अमन से रहते हैं. 
  18. सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा, ‘‘कई मंत्रियों को उपचुनाव के दौरान संसदीय क्षेत्र में भेजकर भाजपा ने स्पष्ट रूप से अपनी व्याकुलता दिखाई है.’’ 
  19. उप्र कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा,‘‘उपचुनाव के दौरान एक संसदीय क्षेत्र में प्रचार के लिए पांच मंत्रियों को भेजना भाजपा नेताओं तथा कार्यकर्ताओं में चुनाव से पहले भरोसे की कमी को दिखाता है.’.
  20. कैराना उपचुनाव को लेकर हुये मतदान के नतीजे 31 मई को आएंगे.

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