प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
कर्नाटक चुनाव में परिणाम और रुझान का आना जारी है. अभी तक के परिणाम और रुझानों से साफ है कि बीजेपी बहुमत के आंकड़ा से कुछ दूर है और कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो चुकी है. ऐसे में यह बात उठना लाजमी है कि आखिर क्यों कांग्रेस सत्ता में वापसी करने में अकसर असफल होती है और इसके उलट बीजेपी सत्ता में वापसी कर लेती है. वर्तमान में देश में 22 राज्यों में बीजेपी की सरकार और कांग्रेस मात्र 3 तीन राज्यों तक सिमट के रह गई है.
आखिर कांग्रेस क्या चूक करती है और कहां पर उसे बीजेपी से कुछ सीखना चाहिए.
- बूथ लेवल मैनेजमेंट-बीजेपी में जब से अमित शाह पार्टी प्रमुख बने हैं तब से वह लगातार पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं. अमित शाह ने बूथ लेवल पर पार्टी के कार्यकर्ता की जिम्मेदारी तय कर रखी है और उनसे लोगों के बीच संपर्क बनाए रखने को कहा है. कांग्रेस काफी लंबे समय से ऐसा नहीं कर पाई है.
- कमजोर पार्टी कॉडर -कर्नाटक की सत्ता पर कांग्रेस पांच साल सत्ता में रही है. इस बीच कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के कॉडर को मजबूत करने के लिए कोई काम नहीं किया. वहीं बीजेपी ने अपने कॉडर को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ती है.
- लोगों के बीच जाते समय कांग्रेस पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर उसकी नीतियों के लिए कई हमले जरूर करती है. खामियां गिनाती है, लेकिन अपना निर्णय या नीति बताने के मामले में कांग्रेस पीछे रह गई.
- इस चुनाव में जहां बीजेपी केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज का बखान करती रही और इस राज्य सरकार बनाम केंद्र सरकार बना दिया. वहीं कांग्रेस सिद्धारमैया के काम को गिनाने और लोगों को समझाने में पीछे रह गई.
- भ्रष्टाचार का मुद्दा हमेशा से कांग्रेस के लिए मुसीबत बनता रहा है. इस चुनाव में भी बीजेपी ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के लिए हमले किए. सीएम सिद्धारमैया को भी बीजेपी ने नहीं छोड़ा. वहीं बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद का प्रत्याशी बना दिया जबकि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही जेल जा चुके हैं. लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस इसको मुद्दा नहीं बना पाई. सिद्धारमैया सरकार ने तीन साल तक येदियुरप्पा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. दूसरी ओर बीजेपी ने सिद्धारमैया की महंगी घड़ी को मुद्दा बना दिया.