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This Article is From Apr 28, 2022

Shaligram: जिस घर में होती है शालिग्राम की पूजा, मान्यतानुसार वहां हमेशा रहती हैं मां लक्ष्मी!

Shaligram: कहा जाता है कि जिस घर में शालिग्राम की पूजा (Shaligram Puja) की जाती है, वहां कभी अशांति नहीं आती है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि शालिग्राम भगवान (Shaligram Bhagwan) की नियम से पूजा करने पर घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहती है.

Shaligram: जिस घर में होती है शालिग्राम की पूजा, मान्यतानुसार वहां हमेशा रहती हैं मां लक्ष्मी!
Shaligram: धार्मिक मान्यता है कि शालिग्राम की पूजा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है.

Shaligram Benefits: हिंदू धर्म में शालिग्राम (Shaligram) की पूजा का विशेष महत्व है. यही कारण है कि कई घरों में इसे भगवान विष्णु (Vishnu) का स्वरूप माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है. कहा जाता है कि जिस घर में शालिग्राम की पूजा (Shaligram Puja) की जाती है, वहां कभी अशांति नहीं आती है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि शालिग्राम भगवान (Shaligram Bhagwan) की नियम से पूजा करने पर घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहती है. इसके अलावा घर में मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) का भी वास होता है. आइए जानते हैं शालिग्राम भगवान से जुड़ी खास बातें.

कहां मिलता है शालिग्राम पत्थर? 

शालिग्राम पत्थर नेपाल की गंडकी नदी में पाए जाते हैं. ये काले रंग के चिकने और अंडाकार पत्थर होते हैं. माना जाता है कि जो शालिग्राम की पूजा में चढ़ा हुआ जल अपने ऊपर छिड़कता है तीर्थ स्नान का पुण्य प्राप्त होता है. इसके अलावा जो जो व्यक्ति शालिग्राम पर नियमित जल चढ़ाता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं शालिग्राम को अर्पित किया हुआ पंचामृत प्रसाद के रूप में सेवन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, जिस घर में शालिग्राम की रोज पूजा होती है, वहां की नकारात्मकता खत्म हो जाती है. 

शालिग्राम पत्थर के क्या हैं फायदे (Benefits of Shaligram)

-मानयता है कि जिस घर में शालिग्राम की पूजा होती है, वहां भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का भी वास होता है. 

-शालिग्राम को स्वयंभू माना जाता है यानी इनकी प्राण-प्रतिष्ठा की जरूरत नहीं पड़ती. कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति इन्हें घर या मंदिर में स्थापित करके पूजा कर सकता है. 

-शालिग्राम अलग-अलग रूपों में मिलते हैं. कुछ अंडाकार होते हैं तो कुछ में एक छेद जैसा होता है.  इस पत्थर में शंख, चक्र, गदा या पद्म से निशान बने होते हैं. जिसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है. 

-मान्यता है कि भगवान शालिग्राम की पूजा तुलसी के बिना पूरी नहीं होती है. इसके अलावा तुलसी अर्पित करने से वे तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. 

-कहा जाता है कि शालिग्राम और तुलसी का विवाह करने से सारे जीवन में धन का अभाव, कलह, पाप और दुःख दूर हो जाते हैं. माना जाता है कि तुलसी-शालिग्राम विवाह करवाने से कन्यादान जितना पुण्य फल प्राप्त होता है. 

-धार्मिक मान्यता है कि रोजाना शालिग्राम को स्नान कराकर चंदन लगाने और तुलसी अर्पित करने से आर्थिक जीवन की समस्या दूर होती है. विष्णु पुराण के मुताबिक जिस घर में भगवान शालिग्राम रहता है, वह घर किसी तीर्थ से कम नहीं होता. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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