Varuthini ekadashi date : एकादशी के व्रत (ekadashi vrat) में भगवान विष्णु (lord vishnu) की पूजा अर्चना की जाती है. लेकिन वरुथिनी एकादशी में भगवान विष्णु के वारह रूप की पूजा की जाती है. आपको बता दें कि वरुथिनी एकादशी वैशाख माह की कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है. इस दिन जो भी सच्चे मन से पूजा पाठ करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस बार यह एकादशी 16 अप्रैल को है यानी आज. ऐसे में चलिए जान लेते हैं इसका शुभ मुहूर्त और महत्व.
वरुथिनी एकादशी तिथि का शुभ मुहूर्त
- एकादशी तिथि (ekadashi date 2023) 15 अप्रैल शाम 8 बजकर 45 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 16 को 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगा. पारण आप 17 अप्रैल सुबह 9 बजकर 31 मिनट तक कर सकते हैं.
पूजा विधि | ekadashi puja vidhi
- इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं स्नान ध्यान करें. इसके बाद व्रत का संकल्प लीजिए. फिर पूजा करने के लिए चौकी पर लाल कपड़े का आसन बिछाएं फिर उसपर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर दीजिए. फिर एक लोटे में प्रतिमा के बगल में जल, अक्षत, तिल और रोली मिलाकर रख दीजिए.
- इसके बाद भोग में आप फल, दूध, पंचामृत और तिल अर्पित करें. इसके बाद घी का दीपक जलाते हैं. फिर विष्णु भगवान की आरती और व्रत कथा करें.
पारण कैस करें
पारण एकादशी व्रत के अगले दिन यानी द्वादशी को सूरज निकलने के बाद किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले कर लेना चाहिए. अगर द्वादशी तिथि समाप्त हो गई हो तो व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही करना चाहिए. व्रत तोड़ने के लिए हरि वासर खत्म होने की प्रतिक्षा करनी चाहिए, क्योंकि एकादशी व्रत का पारण हरिवासर के दौरान नहीं किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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