Brahma muhurta : आप बचपन से घर के बड़े बुजुर्गों से ब्रह्म मुहूर्त में उठने की बात सुनते होंगे. उनका कहना होता है कि सूर्योदय से पहले नहा लेने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और जीवन में सकारात्मकता (positivity) बनी रहती है. ब्रह्म मुहूर्त में दिनचर्या शुरू करने से पूरा दिन अच्छा जाता है. जो लोग अभी विद्यार्थी जीवन में हैं उन्हें तो जरूर ब्रह्म मुहूर्त का पालन करना चाहिए. छात्रों को इस समय पढ़ने के लिए इसलिए बोला जाता है क्योंकि, भोर में चारों तरफ शांति होती है, शोर शराबा नहीं होता है. ऐसे में एकाग्रता बनती है. आज इस आर्टिकल में जानेंगे ब्रह्म मुहूर्त (Brahma muhurat) क्या होता है और इसका सही समय क्या है.
क्या होता है ब्रह्म मुहूर्त | What is brahma muhuratसुबह 4 बजे के बाद से सूर्योदय होने तक का जो समय होता है उसे ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं. ब्रह्म का अर्थ होता है परमात्मा और मुहूर्त का मतलब समय यानी परमात्मा का समय.
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को सबसे अच्छा समय माना जाता है. आपको बता दें कि पौराणिक काल में जो ऋषि मुनि हुआ करते थे वह ध्यान लगाने के लिए इसी समय को सही मानते थे. जैसा की आपको ऊपर बताया गया है कि यह परमात्मा का समय होता है. इसलिए वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा होती है. इस वक्त किया गया कोई भी कार्य सफल होता है. आपको बता दें कि जब हनुमान जी सीता से मिलने लंका ब्रह्म मुहूर्त में ही गए थे. इसके अलावा मंदिरों में भगवान का श्रृंगार भी ब्रह्म मुहूर्त में ही किया जाता है. पूजा करने का भी यही सही समय होता है. वहीं आर्युवेद के अनुसार, इस समय बहने वाली वायु स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है. इस समय टहलने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है.
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