Pushya nakshtra significance : आज मकर संक्रांति के दिन साधु संतों ने संगम में अमृत स्नान (पूर्व में शाही स्नान) किया. इस पवित्र स्नान में 13 अखाड़ों के साधु संत और महंत शामिल हुए. आपको बता दें कि आज 10 बजकर 29 मिनट तक पुनर्वसु नक्षत्र है. इसके बाद पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा जो 15 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगा. वहीं, सूर्य देव धनु से मकर राशि में दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर प्रवेश कर जाएंगे. अर्थात सूर्य के गोचर करते समय पुष्य नक्षत्र होगा जो एक दु्र्लभ और शुभ संयोग है. इस नक्षत्र में किया गया स्नान -दान का महत्व दोगुना हो जाता है. इसके अलावा क्या कुछ खास है पुष्य नक्षत्र के बारे में चलिए आपको आगे आर्टिकल में बताते हैं..
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पुष्य नक्षत्र क्या होता है - what is pushya nakshatra
पुष्य नक्षत्र, सत्ताइस नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है. यह नक्षत्र चंद्रमा की राशि कर्क में होता है. यह नक्षत्र किसी भी नए काम की शुरूआत के लिए अच्छा होता है. आपको बता दें कि इस नक्षत्र के स्वामी शनि हैं, जो मेहनत और अनुशासन के देवता माने जाते हैं.
पुष्य नक्षत्र में क्या करना चाहिए - What should be done in Pushya Nakshatra
पुष्य नक्षत्र न सिर्फ स्नान-दान के लिए अच्छा होता है बल्कि मांगलिक कार्यों की खरीदारी के लिए भी अच्छा माना जाता है. इस दिन गहने, घर, गाड़ी या अन्य महंगी चीजें खरीदना बहुत लाभकारी है.
साथ ही पुष्य नक्षत्र में आप धार्मिक कार्य भी कर सकते हैं, जैसे यज्ञ, पूजा, कथा दान आदि. इस दिन किया गया कोई भी कार्य बहुत फलदायक साबित होता है. इस दिन दान-पुण्य करने से न केवल सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक शांति भी मिलती है.
इस दिन आप गुरु मंत्र भी प्राप्त कर सकते हैं. इस दिन ली गई मंत्र दीक्षा से साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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