विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Nov 21, 2022

Vivah Panchami: विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती है शादी, जानिए खास वजह

Vivah Panchami 2022: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी को बेहद शुभ माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था. ऐसे में जानते हैं कि इस दिन शादी-विवाह क्यों नहीं किए जाते हैं.

Read Time: 4 mins
Vivah Panchami: विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती है शादी, जानिए खास वजह
Vivah Panchami 2022: इस साल विवाह पंचमी 28 नवंबर, सोमवार को पड़ रही है.

Vivah Panchami 2022 Date: मार्गशीर्ष यानी अगहन मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को लोग विवाह पंचमी के रूप में मनाते हैं. साल 2022 में विवाह पंचमी 28 नवंबर, सोमवार को मानाई जाएगी. आमतौर पर लोगों के मन में यह धारणा रहती है कि विवाह पंचमी के दिन शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य संपन्न किए जाते हैं, क्योंकि इस दिन श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था. हालांकि वास्तविकता इससे कुछ अलग है. दरअसल मान्यतानुसार, विवाह पंचमी के दिन शादी-विवाह नहीं किए जाते हैं. ऐसे में जानते हैं कि आखिर विवाह पंचमी के दिन शादी क्यों नहीं की जाती है. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रभु श्रीराम और जनकनंदिनी मां सीता का विवाह हुआ था. यही वजह है कि लोग इस दिन को विवाह पंचमी के नाम से जानते हैं. साथ ही इस दिन को लोग श्रीराम और माता सीता की शादी की सालगिरह के तौर पर मनाते हैं. इसके साथ ही इस दिन लोग अपने घरों में माता सीता और प्रभु राम का विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं. 

विवाह पंचमी पर शादी का नहीं है विधान

सनातन परंपरा में प्रभु श्रीराम और माता सीता की जोड़ी को आदर्श माना जाता है. लोग उनके आदर्शों का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. इसके साथ ही लोग नव विवाहित जोड़ी को राम-सीता की तरह बने रहने का आशीर्वाद देते हैं. इसके बावजूद भी इस दिन शादी नहीं की जाती है.

Shukra Uday 2022: 50 दिन बाद शुक्र का हुआ उदय, सुख-समृद्धि के कारक ग्रह इन राशियों को पहुंचाएंगे लाभ

विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं करते हैं शादी


विवाह पंचमी के दिन शादी ना करने की परंपरा है. लोग इसकी वजह भगवान श्रीराम और माता सीता को मिले वनवास को मानते हैं. मान्यता है कि इस तिथि को विवाह के बाद ही दोनों को 14 वर्षों का वनवास मिला था. वनवास के दौरान दोनों को काफी कष्टों का सामना करना पड़ा था. वनवास के बाद जब प्रभु श्रीराम, रावण का वध करने के बाद अयोध्या वापस लौटे तो भगवान श्रीराम को माता सीता का परित्याग करना पड़ा था. यही वजह है कि लोग विवाह पंचमी के दिन शादी नहीं करते हैं. 

 

ब्रह्माजी ने लिखी थी विवाह की लग्न-पत्रिका

सूचना मिलते ही राजा दशरथ भरत, शत्रुघ्न व अपने मंत्रियों के साथ जनकपुरी आ गए. ग्रह, तिथि, नक्षत्र योग आदि देखकर ब्रह्माजी ने उस पर विचार किया और वह लग्न-पत्रिका नारदजी के हाथों राजा जनक को पहुंचाई. शुभ मुहूर्त में श्रीराम की बारात आ गई. श्रीराम व सीता का विवाह संपन्न होने पर राजा जनक और दशरथ बहुत प्रसन्न हुए.

Vastu Tips: वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए अपनाए जाते हैं ये खास वास्तु टिप्स, यहां जानें

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
शनिवार से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्री, जानें क्या है महत्व
Vivah Panchami: विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती है शादी, जानिए खास वजह
Som pradosh 2024 : सोम प्रदोष व्रत में इस तरह भगवान शिव को करें प्रसन्न
Next Article
Som pradosh 2024 : सोम प्रदोष व्रत में इस तरह भगवान शिव को करें प्रसन्न
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;