Vinayaki Chaturthi: हिंदु धर्म में गणपति बप्पा की पूजा करने का विशेष महत्व है. पौराणिक कथाओं के अनुसार बप्पा को यह वरदान प्राप्त है कि किसी भी शुभ अवसर पर सबसे पहले उनकी पूजा की जाएगी. इस चलते हर शुभ कार्य और पूजा की शुरूआत भगवान गणेश (Lord Ganesh) के पूजन से ही होती है. पंचाग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर वैनायकी गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. इस माह 22 जून, गुरुवार के दिन यह चतुर्थी पड़ रही है. यहां जानिए मान्यतानुसार किस तरह की जा सकती है भगवान गणेश की पूजा और कैसे प्रसन्न होंगे बप्पा.
वैनायकी गणेश चतुर्थी पूजा | Vinayaki Ganesh Chaturthi Puja
हर माह 2 गणेश चतुर्थी पड़ती हैं. पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी वैनायकी या विनायकी चतुर्थी कहलाती है. वैनायकी चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) भी कहा जाता है. मान्यतानुसार वैनायकी चतुर्थी की पूजा दोपहर के समय की जाती है.
- इस दिन पूजा करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहुर्त में उठा जाता है. सबसे पहले निवृत्त होकर और स्नान करने के पश्चात व्रत का संकल्प लेते हैं.
- पूजा पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं.
- पूजा के लिए आसन तैयार किया जाता है. इस आसन पर पीले रंग का कपड़ा बिछाया जाता है और उसपर गणपति बप्पा की प्रतिमा रखी जाती है.
- पूजा में 'ॐ गं गणपतये नम:' का जाप किया जाता है और गणपति बप्पा का ध्यान करते हैं.
- पूजा (Ganpati Puja) की सामग्री में अक्षत, लाल रंग के फूल, रोली, सुपारी, लौंग और इलायची आदि सम्मिलित की जाती है.
- बप्पा को लड्डुओं या मोदक का भोग लगाया जाता है. बप्पा के समक्ष धूप या दीपक जलाते हैं.
- आरती की जाती है और चतुर्थी व्रत (Chaturthi Vrat) कथा का पाठ किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
परिवार के साथ आदिपुरुष स्क्रीनिंग में पहुंची कृति सनोनNDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं