Vaishakh Purnima 2022: वैशाख या बुद्ध पूर्णिमा कब है, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Vaishakh Purnima 2022: वैशाख मास की पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2022) भी कहते हैं. हिंदू धार्मिक मान्यताओं में पूर्णिमा का विशेष महत्व है.

Vaishakh Purnima 2022: वैशाख या बुद्ध पूर्णिमा कब है, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Vaishakh Purnima 2022: वैशाख मास की पूर्णिमा सनातन और बौद्ध (Buddha) दोनों धर्मों के लिए खास महत्व रखती है.

Vaishakh Purnima 2022: शुक्लपक्ष के आखिरी दिन को पूर्णिमा (Purnima 2022) कहा जाता है. वैशाख महीने की पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima 2022) करते हैं. इसके अलावा वैशाख मास की पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2022) भी कहते हैं. हिंदू धार्मिक मान्यताओं में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. यह पूर्णिमा सनातन और बौद्ध (Buddha) दोनों धर्मों के लिए खास महत्व रखती है.  धार्मिक मान्यतानुसार वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन ही महात्मा बुद्ध (Lord Buddha) का जन्म हुआ था. महात्मा बुद्ध को बौद्ध धर्म का संस्थापक माना जाता है. पंचांग के मुताबिक इस साल बुद्ध पूर्णिमा 16 मई, 2022 को पड़ने वाली है. आइए जानते हैं वैशाख पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और महत्व.

वैशाख पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Vaishakh Purnima Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) तिथि की शुरुआत 15 मई 2022 की देर रात 12 बजकर 47 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 16 मई 2022 की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर होगी. पूर्णिमा का व्रत 16 मई को रखा जाएगा. 


वैशाख पूर्णिमा का महत्व (Vaishakh Purnima Importance) 

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इसके अलावा बौद्ध धर्म (Buddhism) में भी इस पूर्णिमा (Purnima) का खास महत्व है. धार्मिक मान्यतानुसार गौतम बुद्ध (Gautama Buddha) भगवान विष्णु (Lord Vidhnu) के नौवें अवतार हैं. बौद्ध धर्म के लोग बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2022) को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं. इस दिन जरुरतमंदों को दान करने की भी परंपरा है. इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की उपासना की जाती है. 


वैशाख पूर्णिमा के दिन क्या करना माना गया है शुभ

मान्यतानुसार इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से कई गुणा अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है. अगर गंगा नदी में स्नान करने का संयोग ना बने तो नहाने वाले पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए. इस अलावा इस जरुरतमंदों को दान करना भी शुभ माना गया है. इसके अलावा इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ है. कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन तिल और चीनी का दान शुभ होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)