
रावण से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स.
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30 सितंबर को मनाया जाएगा दशहरा.
ग्रह नक्षत्रों को अपने हिसाब से चलाता था रावण.
वेद और संस्कृत का ज्ञाता था रावण.
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ग्रह नक्षत्रों को अपने हिसाब से चलाता था रावण
मेघनाथ के जन्म से पहले रावण ने ग्रह नक्षत्रों को अपने हिसाब से सजा लिया था, जिससे उसका होना वाला पुत्र अमर हो जाए. लेकिन आखिरी वक़्त में शनि ने अपनी चाल बदल ली थी. रावण इतना शक्तिशाली था कि उसने शनी को अपने पास बंदी बना लिया था.
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सीता रावण की बेटी थी
रामायण कई देशों में ग्रंथ की तरह अपनाई गई है. थाइलैंड में जो रामायण है उसके अनुसार सीता रावण की बेटी थी, जिसे एक भविष्यवाणी के बाद रावण ने ज़मीन में दफ़ना दिया था. भविष्यवाणी में कहा गया था कि 'यही लड़की तेरी मौत का कारण बनेगी'. बाद में देवी सीता जनक को मिलीं. यही कारण था कि रावण ने कभी भी देवी सीता के साथ बुरा बर्ताव नहीं किया.
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वेद और संस्कृत का ज्ञाता
रावण को वेद और संस्कृत का ज्ञान था. वो साम वेद में निपुण था. उसने शिवतांडव, युद्धीशा तंत्र और प्रकुठा कामधेनु जैसी कृतियों की रचना की. साम वेद के अलावा उसे बाकी तीनों वेदों का भी ज्ञान था. इतना ही नहीं पद पथ में भी उसे महारत हासिल थी. पद पथ एक तरीका है वेदों को पढ़ने का.

संगीत का भी ज्ञान
रावण को संगीत का भी शौक़ था. रूद्र वीणा बजाने में रावण को हराना लगभग नामुमकिन था. रावण जब भी परेशान होता वो रूद्र वीणा बजाता था. इतना ही नहीं रावण ने वायलन भी बनाया था जिसे रावणहथा कहते थे. आज भी राजस्थान में इसे बजाया जाता है.
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