Chaitra Maas: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आने वाली 18 माह से चैत्र माह की शुरुआत होने वाली है. चैत्र माह की शुरुआत भी पुर्णिमा के अगले दिन से होती है. हिन्दू मान्यताओं में हर महीने का अपना एक अलग महत्व और विशेषता होती है. इसके चलते ऐसे कुछ नियम (Chaitra Maas Rules) हैं जिनका पालन किया जाता है. चैत्र माह में भी ऐसी ही दो चीजों का सेवन करना निषेध माना गया है, आइए जानें ये दो चीजें कौनसी हैं और क्यों इन्हें ना खाने की सलाह दी जाती है.
चैत्र माह में ना खाई जाने वाली चीजें | Things to not eat in Chaitra Maas
चैत्र माह की हिन्दू कैलेंडर में अत्यधिक विशेषता है. हिन्दू कैलेंडर (Hindu Calendar) के अनुसार यह वर्ष का पहला महीना होता है, वहीं, बंगाली कैलेंडर में इसे वर्ष का आखिरी महीना माना जाता है. इस वर्ष 18 मार्च से 17 अप्रैल तक चैत्र का महीना रहेगा. कहा जाता है कि इस माह में मिश्री और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए.
चैत्र मास में गुड़ और मिश्री न खाने के पीछे कारण यह बताया जाता है कि इस माह में अत्यधिक त्योहार होने से इन दो मीठी चीजों (Sweets) का सेवन व्यक्ति के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है. इसलिए अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए उसे इन दो चीजों से परहेज करना चाहिए. इसी के चलते होली के इस महीने में ज्यादातर चटपटी और नमक वाली चीजें बनाई जाती हैं और खाई जाती हैं. इससे खाने और सेहत में तालमेल रहता है और व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता. इसके अलावा इस महीने में नीम के सेवन पर जोर दिया जाता है. कहा जाता है कि नीम सेहत के लिए बेहद लाभकारी है और उसे चैत्र माह में खाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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