Surya Grahan 2018: जानिए कहां और कैसे दिखाई देगा सूर्य ग्रहण, भारत में क्या होगा असर

Surya Grahan 2018: 15 फरवरी 2018 को होने वाला यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण है. यानि इसे कुछ ही देशो में देखा जा सकेगा.

Surya Grahan 2018: जानिए कहां और कैसे दिखाई देगा सूर्य ग्रहण, भारत में क्या होगा असर

हाल ही में पूरी दुनिया ने नए साल में चांद पर लगे कई रंगों के ग्रहण के दीदार किए. लेकिन अब साल 2018 का पहला सूर्य ग्रहण भी दिखेगा. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 15 फरवरी को दिखाई देगा. हालांकि भारत में इस ग्रहण को देख पाना मुमकिन नहीं होगा. इस दिन अमेरिका, ब्राजील और उरुग्वे के लोग ही सूर्य ग्रहण को देख सकेंगे. ज्योतिषों की मानें तो इस साल तीन बार सूर्य ग्रहण लगेगा. भारत में सूर्य ग्रहण की तिथियों और उसके होने के वक्त को लेकर लोग काफी उत्सुक होते हैं. हम यहां आपको बता रहे हैं कि इस साल कब और कितनी बार सूर्य ग्रहण होगा और किन देशों में इसे देखा जा सकता है. 

15 फरवरी को आंशिक सूर्यग्रहण
15 फरवरी 2018 को होने वाला यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण है. यानि इसे कुछ ही देशो में देखा जा सकेगा. भारत में इस सूर्य ग्रहण को लोग नहीं देख पाएंगे. हालांकि ज्योतिषों के मुताबिक ग्रहण के समय का असर राशियों पर पड़ सकता है. भारतीय समय के मुताबिक यह सूर्यग्रहम 15 फरवरी की रात 12 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और सुबह लगभग चार बजे ग्रहण का मोक्ष यानी यह समाप्त होगा.


इस साल तीन बार लगेगा सूर्यग्रहण
साल 2018 में तीन बार सूर्य ग्रहण के योग बन रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस साल होने वाले तीनों ग्रहण आंशिक ही होंगे. यानि इन्हें ज्यादा देशों और शहरों में नहीं देखा जा सकेगा. 15 फरवरी के बाद इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 13 जुलाई को होगा. इसके अलावा इस साल का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 11 अगस्त को होगा. 

इस साल भारत में नहीं दिखेगा ग्रहण
खास बात यह है कि इस साल होने वाले ये तीनों सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देंगे. क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि तीनों ही ग्रहण आंशिक हैं. इसीलिए इन्हें पूरी दुनिया में एक साथ नहीं देखा जा सकता है. कहा जा रहा है कि सूर्य ग्रहण को दक्षिण और पश्चिम अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका में देखा जा सकता है.
 
क्या होता है आंशिक सूर्यग्रहण
आंशिक सूर्य ग्रहण को खंड सूर्य ग्रहण के नाम से भी लोग जानते हैं. यह तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढ़क नहीं पाता है. जिससे दुनिया के कई हिस्सों में सूरज की रोशनी बरकरार रहती है. ऐसी स्थिति में लगा हुआ ग्रहण ही आंशिक सूर्य ग्रहण कहलाता है. बता दें कि दुनिया में ज्यादातर आंशिक या खंड सूर्यग्रहण ही होता है. पूर्ण सूर्यग्रहण की स्थिति काफी कम बन पाती है. 

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