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This Article is From Feb 08, 2022

अखंड सौभाग्य का आशीष देते हैं ये 5 पावन व्रत, जानिए इनका महत्व

हिन्दू धर्म में सुखी वैवाहिक जीवन के अलावा उत्तम जीवनसाथी पाने के लिए कुछ व्रत रखे जाते हैं, जिनके नियमों का विधि-विधान से पालन किया जाता है. कहते हैं कि अखंड सौभाग्य देने वाले इन व्रतों के पुण्य से शादीशुदा जीवन की समस्याओं और विवाह से संबंधित परेशानियों को दूर किया जा सकता है. आइए जानते हैं इन व्रतों के बारे में.

अखंड सौभाग्य का आशीष देते हैं ये 5 पावन व्रत, जानिए इनका महत्व
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखते हैं ये 5 व्रत
नई दिल्ली:

हिन्दू धर्म में सुखी वैवाहिक जीवन (Happy Married Life) के अलावा उत्तम जीवनसाथी पाने के लिए कुछ व्रत रखे जाते हैं, जिनके नियमों का विधि-विधान से पालन किया जाता है. आज हम आपको उन्हीं में से कुछ पांच व्रत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये व्रत अखंड सौभाग्य का आशीष प्रदान करते हैं. मान्यताओं के अनुसार, इन व्रतों को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. इसके साथ ही लाइफ पार्टनर के बीच सामंजस्य अच्छा होता है. देश के कई हिस्सों में सुहागन और कुंवारी युवतियां विधि-विधान इन व्रतों का पालन करती हैं.

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कहते हैं कि अखंड सौभाग्य देने वाले इन व्रतों (करवा चौथ व्रत, हरतालिका तीज व्रत, मंगला गौरी व्रत, अशून्य शयन व्रत, वट सावित्री व्रत) के पुण्य से शादीशुदा जीवन की समस्याओं और विवाह से संबंधित परेशानियों को दूर किया जा सकता है. आइए जानते हैं इन व्रतों के बारे में.

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अखंड सौभाग्य देने वाले व्रत

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करवा चौथ व्रत | Karwa Chauth Vrat Katha

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जो शाम को चांद देखने के बाद पूरा होता है. शादीशुदा जोड़ों के अलावा प्रेमी युगल भी यह व्रत रखते हैं. करवा चौथ का व्रत अपने नियमों को लेकर बेहद कठिन माना जाता है. इस व्रत को लेकर तमाम नियम हैं. ऐसा ही अहम नियम है कि इस दिन हर व्रती महिला को करवा चौथ की कथा जरूर सुननी चाहिए.

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हरतालिका तीज व्रत | Hartalika Teej Vrat

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और सदा सुहागन रहने के लिए हरतालिका तीज का व्रत करती हैं. इस दिन अविवाहित कन्याएं भी भगवान शिव शंकर और माता पार्वती से सारा दिन निर्जल रह कर सौभाग्यवती रहने का वरदान प्राप्त कर सकती हैं.

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मंगला गौरी व्रत | Mangala Gauri Vrat

श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. भगवान शिव शंकर की तरह ही सावन मास माता पार्वती को बेहद पसंद है. इस दिन माता पार्वती के साथ-साथ भगवान शिव शंकर का विधि-विधान से पूजा-पाठ किया जाता है. मान्यता है कि मंगला गौरी का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं मंगला गौरी व्रत का पालन पूरे विधि-विधान से करती हैं. कहते हैं कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से वैवाहिक जीवन के दोष दूर होते हैं. सावन सोमवार व्रत भी उत्तम जीवन साथी पाने के लिए किया जाता है.

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अशून्य शयन व्रत | Ashunya Shayan Vrat

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को अशून्य शयन व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से पत्नी दीर्घायु होती है. बता दें कि चार्तुमास के कृष्ण पक्ष की सभी द्वितीया तिथि को भी यह व्रत रखा जा सकता है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है और दांपत्य जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही अशून्य शयन व्रत रखने से जीवनसाथी के बीच प्रेम बढ़ता है. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.

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वट सावित्री व्रत | Vat Savitri Vrat

हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है. साल में दो बार वट सावित्री का व्रत किया जाता है. ज्येष्ठ मास की अमावस्या को यह व्रत किया जाता है. वहीं कई स्थानों पर इसके 15 दिनों के बाद ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को भी वट सावित्री का व्रत किया जाता है. उत्तर भारत के कई स्थानों जैसे  पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उड़ीसा में वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है, तो वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी भारतीय राज्यों यह व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यताओं के अनुसार, वट के वृक्ष के नीचे ही सावित्री के पति सत्यवान को जीवनदान मिला था, इसीलिए इस व्रत में वट के वृक्ष का पूजन किया जाता है और उसमें सूत बांधा जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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