Simha Sankranti 2022: सिंह संक्राति पर आज ऐसे करें सूर्य देव की पूजा, जानें विधि और मंत्र

Simha Sankranti 2022: सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव अपनी राशि बदलते हैं. इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

Simha Sankranti 2022: सिंह संक्राति पर आज ऐसे करें सूर्य देव की पूजा, जानें विधि और मंत्र

Simha Sankranti 2022: इस बार सिंह संक्रांति 17 अगस्त, बुधवार को है.

खास बातें

  • आज है सिंह संक्रांति.
  • इस दिन सूर्य देव करेंगे सिंह राशि में प्रवेश.
  • सिंह संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा होती है शुभ फलदायी.

Simha Sankranti 2022 Date: सूर्य देव जब सिंह राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे सिंह संक्रांति (Singh Sankranti 2022) कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में इसका विशेष महत्व है. सूर्य देव आज यानी 17 अगस्त, बुधवार को कर्क के निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु और नरसिंह देव की पूजा की जाती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहों के देवता सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं. आइए जानते हैं सिंह संक्रांति की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व.

सिंह संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त | Singh Sankranti 2022 Date and Shubh Muhurat

धार्मिक मान्याताओं में सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. माना जाता है कि सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान मिलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिंह संक्रांति 17 अगस्त को यानी आज है. इस दिन पुण्य काल दोपहर 2 बजकर 15 मिनट से शुरू हो रहा है. इस दिन सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे. मान्यतानुसार, सिंह संक्रांति पर सुबह स्नान के पश्चात् सूर्य देव को अर्घ्य देने से विशेष फल प्राप्त होता है.

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सिंह संक्रांति पूजा विधि और मंत्र | Singh Sankranti Puja Vidhi and Mantra

सिंह संक्रांति के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है. अगर नदी में स्नान करने का संयोग ना बने तो नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं.

इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. ऐसे में सिंह संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लें और तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल, कुमकुम, रोली-अक्षत मिलाकर उगते हुए सूर्य के जल अर्पित करें.

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इस दिन सूर्य को जल अर्पित करते समय ओम् आदित्याय विद्महे सहस्र किरणाय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् इस मंत्र का जाप करें. 

सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद धूप-दीप सहित अपने स्थान पर तीन बार परिक्रमा करें. इसके बाद सूर्य देव को प्रणाम करते हुए उनसे अपने दुख दूर करने की प्रर्थना करें. माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन के तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं. 

सूर्य देव की पूजा के बाद भगवान विष्णु और नरसिंह भगवान की उपसना भी करें. सिंह संक्रांति पर भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी पत्र अर्पित करना बेहद फलदायी माना गया है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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