Mangala Gauri Vrat: पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार इस साल 25 जुलाई से श्रावण का पांचवां और पवित्र महीना शुरू हो गया है. इस महीने के दौरान, भगवान शिव के भक्त सोमवार को एक दिन का उपवास रखते हैं. जिसे सावन सोमवार व्रत के रूप में जाना जाता है, वहीं मंगलवार को, विवाहित महिलाएं भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती (जिसे गौरी के नाम से भी जाना जाता है) को श्रद्धांजलि अर्पित करने का व्रत रखती हैं.
इस व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है. वैवाहिक जीवन में खुशहाली और पति की भलाई के लिए प्रार्थना करने के लिए मनाया जाता है.
इस दिन महिलाएं देवी पार्वती की पूजा करती हैं, पूजा और आरती करती हैं और दिन में एक बार भोजन करती हैं, और उपवास आमतौर पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक होता है. महिलाएं एक प्रज्वलित कपूर के साथ देवी मां को प्रणाम करके पूजा समाप्त करती हैं.
मंगला गौरी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं मंगला गौरी का व्रत अपने पति के खुशहाल जीवन और लंबी आयु के लिए रखती है.इस व्रत को रखने से संतान का जीवन भी सुखी रहता है.
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