शबे कद्र क्यों मनाई जाती है?
खास बातें
- शबे कद्र की रात है आज
- रमज़ान की 27वीं रात को मनाया जाता है शबे कद्र
- इस रात की इबादत हज़ारों महीनों की इबादतों से बेहतर
नई दिल्ली: शबे कद्र की रात है आज यानी 26वें रमज़ान और 27वीं रात को शबे क्रद मनाया जाता है. इस्लाम धर्म में इस रात को 'सर्वश्रेष्ट रात' कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस रात को की गई अल्लाह की इबादत को हज़ारों महीनों की इबादतों से बेहतर माना जाता है. इस रात की इबादत का सवाब 83 साल 4 महीने तक मिलता है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि अल्लाह ने इसी रात को सबसे मुबारक रात बताया क्योंकि इसी रात में इस्लाम के लिए कुरआन-ए-पाक को जरूरी बताया गया था.
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आज की रात रोज़े रखने वाला हर मुसलमान रात भर नमाजें, कुरआन की तिलावतें, सूरह के विर्द और कलमा पढ़ते हैं. कुछ लोग इस रात को अपने घरों तो कुछ मस्ज़िदों में जाकर अल्लाह की इबादत करते हैं. मस्ज़िदों को आज की रात के लिए सजाया जाता है. मस्ज़िद में रातभर बैठकर अल्लाह की इबादत करने वालों के लिए सहरी तैयार की जाती है. वहीं, कुछ रोज़ेगार इस पाक रात में कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों की कब्र पर फूल चढ़ाकर उन्हें याद करते हैं.
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इस बार का शबे कद्र इसीलिए भी खास है क्योंकि 2 दिन बाद 15 जून को अलविदा जुमा है और इस रात चांद निकलते ही अगले दिन 16 जून को ईद हो सकती हैं. यानी मुस्लिमों के लिए यह पूरा हफ्ता बेदह ही खास होने वाला है.
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