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This Article is From Aug 02, 2022

Mangla Gauri Vrat 2022: सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज, जानें पूजा विधि

Mangla Gauri Vrat 2022: सावन मास का मंगला गौरी व्रत सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है. तीसरा मंगला गौरी व्रत 2 अगस्त, मंगलवार को रखा जाएगा.

Mangla Gauri Vrat 2022: सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज, जानें पूजा विधि
Mangla Gauri Vrat 2022: मंगला गौरी व्रत की पूजा की कुछ इस प्रकार की जाती है.

Mangla Gauri Vrat 2022: सावन मास के मंगला गौरी व्रत का खास महत्व है. सावन के महीने में पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) रखा जाता है. जिस प्रकार सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए खास होत है, उसी तरह सावन मास का मंगलवार मां पर्वती (Maa Parvati) को समर्पित माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) के दौरान भगवान शिव (Lord Sihva) और मां पार्वती (Maa Parvati) की पूजा करने सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत 2 अगस्त, 2022 को यानी आज है. आइए जानते हैं सावन का तीसरे मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि. 

मंगला गौरी व्रत शुभ मुहूर्त | Mangla Gauri Vrat 2022 Shubh Muhurat

पंचांग के मुताबिक सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत 02 अगस्त को रखा जाएगा इस दिन सावन मास की पंचमी तिथि है. अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक है. अमृत काल सुबह 9 बजकर 52 मिनट से 11 बजकर 34 मिनट तक है.

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मंगला गौरी व्रत पूजा विधि | Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi


मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2022:) के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर स्नान कर लें. इसके बाद साफ-सुथरे पहनकर मां पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके साथ ही 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रतमहं करिष्ये' इस मंत्र को बोलते हुए किसी साफ चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां पर्वती की तस्वीर रखें. 

आटे की दीपक बनाकर उसमें गाय का घी भरकर मां पर्वती की तस्वीर के सामने रखकर जलाएं. इसके बाद मां पार्वती का षोडशोपचार पूजन करें. साथ ही माता पार्वती को लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्रियां, 16 मालाएं, 16 चूड़ियां इत्यादि अर्पित करें. साथ ही मिठाई का भोग लगाएं. पूजा के दौरान ओम् गौरी शंकराय नमः इस मंत्र का जाप करें.

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मां पर्वती की पूजा के दौरान उन्हें 5 प्रकार के सूखे मेवे, 7 प्रकार के अनाज इत्यादि अर्पित करें. इसके बाद मंगला गौरी व्रत की कथा (Mangla Gauri Vrat Katha) का पाठ करें. पूजा के अंत में मां पर्वती की आरती करें. मंगला गौरी व्रत के दिन व्रती दिन भर व्रत रखती हैं. साथ ही पूजन की समाप्ति के बाद एक बार अन्न ग्रहण करती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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