गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) और साल 2019 के आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) के बाद आज 17 जुलाई से सावन (Sawan) का महीना शुरू हो गया है. इस पूरे महीने भगवान शिव की पूजा की जाती है. भोलेनाथ के भक्त कांवण (Kawad) लेकर हरिद्वार और देवघर जाते हैं. हिंदू धर्म में मान्यता है कि अन्य दिनों के मुकाबले भगवान शिव सावन के महीने में जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. इस वजह से पूरे सावन के महीने शिव शंकर की पूजा-पाठ की जाती है, शिवलिंग का जल अभिषेक किया जाता है. भोले भंडारी की आराधना की जाती है.
सावन का महीना कब तक है?
इस बार सावन का महीना 17 जुलाई से ही शुरू हो रहा है. 30 जुलाई को शिवरात्रि (Shivratri) है. इस बार श्रावण मास में चार सोमवार हैं, जो कि 22 जुलाई, 29 जुलाई, 5 अगस्त और 12 अगस्त को पड़ेंगे. सावन या श्रावण के महीने में ही रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) और नागपंचमी (Naag Panchami) मनाई जाती है.
सावन शिवरात्रि 2019 पूजा विधि
1. शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें और नहा धोकर खुद को स्वच्छ करें.
2. मंदिर में जाते समय थाल में जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग सभी को रखें.
3. आरती के बाद शिवलिंग पर सभी चीज़ें अर्पित करें.
4. भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय हैं, इसे चढ़ाना ना भूलें.
कांवण यात्रा
हर साल सावन के महीने में लाखों शिव भक्त कांवण (Kawad Yatra) लेकर हरिद्वार या फिर देवघर जाते हैं. यहां मौजूद गंगा नदी या किसी भी पावन नदी से जल भर, इससे शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करके भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
सावन के महीने का महत्व
चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारा था. सावन के महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने वाली लड़कियों को भगवान शिव के आशीर्वाद से मनपसंद जीवनसाथी प्राप्त होता है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.