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रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो सावन है सही समय, भगवान शिव का प्रिय रुद्राक्ष धारण करने से म‍िलेगा लाभ

Sawan 2025: रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना गया है और इसलिए शिव भक्त जरूर रुद्राक्ष धारण करते हैं. इन्हे धारण करने के कुछ नियम हैं जिनका पालन जरूर करना चाहिए तभी पूरा लाभ होता है. 

रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो सावन है सही समय, भगवान शिव का प्रिय रुद्राक्ष धारण करने से म‍िलेगा लाभ
मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला गले में पहनने से हमेश भगवान शिव की कृपा बनी रहती है. 

Sawan 2025: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है. मान्यता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के अंश के रूप में धरती पर मौजूद हैं. रुद्राक्ष के बारे में कहा जाता है कि ये भगवान शिव के आंसुओं (Kaya Hai Bhagwan Shiv Se Rudraksha Ka Rishta) से बने हैं और इसीलिए इन्हें बहुत पवित्र माना गया है. रुद्राक्ष धारण करने वालों पर महादेव की कृपा रहती है. शिव भक्त भगवान शंकर के प्रिय रुद्राक्ष जरूर धारण करते हैं. इससे उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. रुद्राक्ष धारण करना आध्यत्मिक रूप से लाभदायक होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है. हालांकि रुद्राक्ष धारण करने को लेकर कुछ नियम भी हैं जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है. इन नियमों का पालन करने से ही रुद्राक्ष धारण करने का पूरा लाभ प्राप्त होता है. आइए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने के नियम (Kya Hai Rudraksha Dharan Karne Ke Niyam) और इससे होने वाले लाभ. 

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एक मुखी से लेकर 21 मुखी रुद्राक्ष

रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है. ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि रुद्राक्ष धारण करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं और ये एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक पाए जाते हैं. हर एक तरह के रुद्राक्ष की अपनी अपनी विशेषता होती है. रुद्राक्ष को नियमानुसार और विधिपूर्वक धारण करना चाहिए तभी उनका पूरा लाभ प्राप्त होता है. 

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रुद्राक्ष धारण करने के नियम

भगवान शिव के प्रिय माह सावन में पूरे माह शिव भक्त महादेव की पूजा अर्चना करते हैं. यह माह रुद्राक्ष धारण करने के लिए भी बहुत अच्छा समय होता है. रुद्राक्ष धारण करने से पहले शिव मंदिर में पुजारी या पंडित से रुद्राक्ष का अभिषेक और प्राण-प्रतिष्ठा कराना चाहिए. उसके बाद रुद्राक्ष को महामृत्युंजय मंत्र से अभिमंत्रित करके गले में पहनना चाहिए. रुद्राक्ष को गले में पहनना सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. रुद्राक्ष को भूलकर भी गंदे व अपवित्र हाथों से स्पर्श नहीं करना चाहिए. सुबह उठने के बाद याद से गले से रुद्राक्ष की माला निकाल लेना चाहिए और स्नान के बाद ही इसे फिर धारण करना चाहिए. इसे पहनते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. रुद्राक्ष की माला में रुद्राक्षों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए. 

रुद्राक्ष पहनने से होने वाले लाभ 

  • मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला गले में पहनने से हमेश भगवान शिव की कृपा बनी रहती है. 
  • रुद्राक्ष पहनने वाले को होने वाले कष्ट का संकेत दे देता है या फिर विपत्ति खुद पर सह लेता है.
  • रुद्राक्ष धारण करने वालों पर मां लक्ष्मी हमेशा कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं.
  • रुद्राक्ष पहनने से सभी प्रकार के पाप मिट जाते हैं.
  • रुद्राक्ष पहनने से मन में शांति का वास रहता है और एकाग्रता बढ़ती है. 
  • रुद्राक्ष पहनने से हानिकारक ग्रहों के प्रभाव में कमी आती है.

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