Kanwar Yatra in Sawan: भगवान शिव की पूजा अर्चना में सावन माह का बहुत महत्व है. इस वर्ष सावन माह (Sawan) 22 जुलाई सोमवार से शुरू हो रहा है. सावन में शिव भक्त हर दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. लेकिन सावन पूर्णिमा, सोमवार, सावन प्रदोष व्रत को जलाभिषेक का खास महत्व होता है. इन खास दिनों पर बड़ी संख्या में भक्त कांवड़ लेकर शिव मंदिरों में पहुंचते हैं. इस बार 2 अगस्त को सावन पूर्णिमा है. इसके साथ ही इस बार सावन में पांच सावन सोमवार हैं. सावन माह शुरू होते ही कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) शुरू हो जाती है. भक्त पवित्र नदियों का जल लेकर पैदल चलते हुए शिव मंदिर पहुंचते हैं और भोलेनाथ (Lord Shiva) को जल चढ़ाते हैं. भक्त मीलों लंबी पैदल यात्रा करते है. यात्रा के दौरान भक्त पूरे जोश से बम बम भोले का जयकारा लगाते हुए चलते हैं. कांवड़ यात्रा में भोलेनाथ के जयकारों का खास महत्व होता है. आइए जानते हैं बोल बम भोले के जयकारों से क्या होता है…..
कष्ट हरने वाला
भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए भक्त मीलों कांवर लेकर पैदल यात्रा करते हैं. यात्रा के दौरान भोलेनाथ का जयकारा उनकी थकान को हर लेता और उनमें जोश भर देता है.
नई ऊर्जा
बोल बम में बम शब्द को ब्रह्मा, विष्णु और महेश व ओमकार का प्रतीक माना जाता है. बोल बम एक सिद्ध मंत्र है. इसके जाप से भक्तों में नई ऊर्जा का संचार होता है. भक्त इन जयकारों को लगाते हुए मीलों लंबी यात्रा पूरी कर लेते हैं.
जोश बढ़ाने वाला
जिस तरह हनुमान जी को जब शक्ति की जरूरत होती है तो वे जय श्रीराम का जयकारा लगाते हैं, वैसे ही कांवड़िए पैदल चलते चलते फिर से शक्ति बटोरने के लिए बम भोले का जयकारा लगाते हैं.
अभिषेक का खास महत्व
सावन मे हर दिन भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं लेकिन सावन पूर्णिमा, सोमवार, सावन प्रदोष व्रत को जलाभिषेक का खास महत्व होता है. इस बार 2 अगस्त को सावन पूर्णिमा है. इसके साथ ही इस बार सावन में पांच सावन सोमवार हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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