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This Article is From Nov 16, 2022

Sawan 2023 Date: साल 2023 में कब से शुरू होंगे सावन, जानें कितने पड़ेंगे सावान सोमवार

Sawan 2023 Date: सावन भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है. इस महीने में भगवान शिव की उपासना खास मानी जाती है. आइए जानते हैं कि साल 2023 में सावन कब से शुरू हो रहा है और इसमें कितने सावन सोमवार पड़ेंगे.

Sawan 2023 Date: साल 2023 में कब से शुरू होंगे सावन, जानें कितने पड़ेंगे सावान सोमवार
Sawan 2023 Date: सावन 2023 सावन कब से शुरू हो रहा है यहां जानिए.

Sawan Month 2023: हिंदू धर्म में सावन मास को बेहद पवित्र माना गया है. दअअसल इस पवित्र महीने में भागवान शिव की खूब भक्ति की जाती है. भक्त लंबी दूरी यात्रा करके अपने कांधे पर कांवड़ लेकर महादेव शिव का जलाभिषेक और अभिषेक करते हैं. इसके अलावा इस महीने में सावन सोमवार व्रत का सबसे अधिक महत्व है. श्रावण मास भगवान शिव जी को सबसे प्रिय है. भक्त अपनी ओर से भोलेनाथ को प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करते है. आइए जानते हैं साल 2023 में सावन कब से लेकर कब तक है और कब तक चलेगा, साथ ही सावन 2023 में कितने सोमवार पड़ेंगे. 

सावन सोमवार 2023 तारीख | Sawan Somwar 2023 Date

साल 2023 में सावन के महीने में कुल 4 सोमवार होंगे. पंचांग के अनुसार पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई और चौथा सोमवार 31 जुलाई को पड़ रहा है.

सावन महीने का महत्व | Sawan month 2023 significance

सावन महीना भगवान भोलेनाथ के नाम होता है. पूरे सावन में भक्त भोले नाथ की आराधना में लीन रहते हैं. भक्त सोमवार का व्रत रखते हैं. ऐसी मान्यता है कि बेलपत्र और जल चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते है. जिससे मनोकामना पूरी होती है. इस महीने में भक्त कई धार्मिक स्थलों पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करने भी जाते हैं. इस महीने में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा है. लाखों भक्त सावन में पैदल कांवर यात्रा पर भी जाते हैं. इस महीने कांवर यात्रा का भी खास महत्व है. साथ ही इस मास में सोलह सोमवती का व्रत करने से कुआंरी कन्याओं को मनचाहा जीवन साथी मिलता है.

सावन पूजा विधि | Sawan Somwar Puja vidhi 

- पूरे माह सुबह सूर्योदय से पहले उठें और शौचादि कर्म के बाजद स्नान करें. पूजा स्थल को स्वच्छ कर वेदी स्थापित करें.

- मंदिर में जाकर भगवान शिवलिंग को दूध चढ़ाएँ. महादेव के व्रत का संकल्प लें. दिन में दो बार भगवान शिव की प्रार्थना करें.

- पूजा में तिल के तेल का प्रयोग करें. मंत्रोच्चार करते समय शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल और बेल की पत्तियां चढ़ाएं. व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ करें. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.

- संध्याकाल में पूजा खत्म होने के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन करें. सावन महीने में हरे रंग का विशेष महत्व है. भगवान भोलेनाथ का प्रिय रंग है हरा. इसलिए सावन महीने में महिलाएं हरी सड़ियां या सूट पहनती हैं. स्त्रियां हाथो में मेहंदी लगती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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