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This Article is From Jul 27, 2022

Sawan 2022: सावन में शिवजी की पूजा करते वक्त इस दिशा में रखें उनका मुख, तभी मिलता है पूजन का शुभ फल

Sawan 2022: सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा बेहद शुभ फलदायी मानी गई है. मान्यता है कि सावन में शिवलिंग की सही विधि से पूजा करने पर बोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है.

Sawan 2022: सावन में शिवजी की पूजा करते वक्त इस दिशा में रखें उनका मुख, तभी मिलता है पूजन का शुभ फल
Sawan 2022: सावन मास में शिवलिंग की पूजा में इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है.

Sawan 2022 Shivling Puja: सावन मास की शुरुआत 14 जुलाई, 2022 से हो चुकी है. सावन मास (Sawan Month 2022) का समापन 12 अगस्त 2022 को होगा. यह पवित्र महीना भगवान शिव (Lord Shiva) की उपासना के लिए बेहद खास माना गया है. इसलिए सावन के पूरे महीने में शिवजी के भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि सावन में शिवलिंग की पूजा बेहद शुभ फलदायी साबित होती है. लेकिन शिवलिंग की पूजा (Shivling Puja) के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है. कहा जाता है कि सावन मास में शिवलिंग की पूजा सही विधि और सही दिशा में करने से ही पूजन का शुभ फल प्राप्त होता है. अगर आप भी सावन मास में घर पर या मंदिर में शिवलिंग की पूजा करते हैं, तो जान लें कि किस दिशा में शिवलिंग की स्थापना करना सही है और पूजा के वक्त भगवान का मुख किस ओर होना चाहिए.

शिवलिंग की पूजा के नियम | Rules for worshiping Shivling

भगवान शिव (Lord Shiv) के लिए उत्तर दिशा सही मानी गई है. ऐसे में शिवलिंग की पूजा (Shivling Puja Method) करते वक्त उसका मुख उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए. सावन में अगर सुबह में शिवजी की पूजा करते हैं तो इस दौरान पूजा करने वाले का मुख पूरब की ओर होना चाहिए. वहीं अगर शाम के समय शिवलिंग की पूजा करते हैं तो अपना मुख पश्चिम की ओर होना चाहिए. इसके अलावा अगर रात्रि में शिवलिंग की पूजा (Shivling Puja Vidhi) करते हैं, तो अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर रखें. अगर आप शिव जी के मंत्रों का जाप करते हैं तो अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें.

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शिवलिंग की स्थापना करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

धार्मिक मान्यता के अनुसार, घर में शिवलिंग की स्थापना करते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वहां अंधेरा बिल्कुल भी ना हो. 

खुले और रोशनी वाले स्थान पर ही शिवलिंग की स्थापना करना अच्छा रहता है. 

शिवलिंग के उत्तर दिशा में नहीं बैठना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिशा में भगवान शिव का बांया अंग होता है जो कि मां गौरी की होती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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