हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021) मनाई जाती है. संकष्टी चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है. इस दिन गणपति महाराज के भक्त उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए संकष्टी व्रत रखते हैं. मान्यता है कि यदि आप किसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से विघ्नहर्ता प्रसन्न होकर आपके सभी विघ्न हर लेते हैं. इस वर्ष संकष्टी चतुर्थी आज यानी (23 नवंबर 2021) मंगलवार के दिन पड़ रही है. मंगलवार को चतुर्थी तिथि पड़ने के कारण इसे अंगारकी चतुर्थी भी कहा जाता है. आज के दिन भगवान श्री गणेश के पूजन के बाद उनकी इस आरती को पढ़ने से सुख-समृद्धि व गौरी गणेश का आर्शीवाद बना रहता है.
भगवान श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
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