
Rules of Raksha Sutra: हिंदू धर्म पूजा पाठ के बाद हाथ में कलावा बांधना बहुत शुभ माना जाता है. इसे रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. मान्यता है कि कलाई में रक्षा सूत्र बंधा होने पर बुरी नजर का साया दूर रहता है और आसपास हमेशा पॉजिटिव एनर्जी (Kya Hai Kalawa Ke Labh) रहती है. हालांकि इसे बांधते समय कुछ नियमों का पालन जरूरी होता है ताकि इसका पूरा लाभ प्राप्त हो. कलावा पहनने से लेकर उसे कब उतराना है और उतराने के बाद क्या करना है, इस सभी बातों को लेकर कई नियम है (Kya Hai Kalawa Ke Niyam) जिनका जरूर पालन करना चाहिए. इनमें कलावा को हाथ में कितने बार लपेटना चाहिए (Hath Me Kalawa Kitni Bar Lapetna Chahiye) कलावा को कितने दिन बांधे रहना चाहिए और उतारने के बाद क्या करना चाहिए से संबंधित नियम शामिल हैं. आइए जानते हैं कलावा से जुड़े ऐसे ही कुछ खास नियम.

कलावा बांधने के नियम (Rules of Raksha Sutra)
कलाई में कितनी बार लपेटना चाहिए कलावा
ज्योतिष शास्त्र के नियमों के पुरुषों और अविवाहित कन्याओं के दाएं हाथ में जबकि शादीशुदा महिलाओं को रक्षा सूत्र बाएं हाथ में बंधवाना चाहिए. रक्षा सूत्र बंधवाते समय हाथ की मुट्ठी बंद रखें और बंद मुट्ठी में दक्षिणा जरूर रखें. यह दक्षिणा कलावा बांधने वाले को देना चाहिए. कलावा बंधवाते समय अपने दूसरे हाथ को सिर पर रखना चाहिए. कलावा को कलाई में 3, 5 या 7 बार लपेटना शुभ माना गया है.
कितने दिन बांधना चाहिए कलावा
कलावा बांधने के 21 दिन बाद इसका सकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाता है इसलिए 21 दिन बाद कलावा को उतार देना चाहिए. शास्त्रों में बताया गया है कि 21 दिन के बाद इसे उतारकर नया कलावा शुभ मुहूर्त में बांधना चाहिए
कलावा उतारने के बाद क्या करें
21 दिन बाद अपनी कलाई में बंधे कलावा को उतार देना चाहिए और उसे घर में किसी गमले की मिट्टी में दबा दना चाहिए. कच्चे धागे से बना कलावा आसानी से प्रकृति में वापस मिल जाता है.
कलावा बांधने का वैज्ञानिक कारण
आमतौर पर कलावा बांधने को धार्मिक कारणों से जोड़ा जाता है लेकिल इसका वैज्ञानिक कारण भी है. यह कलाई पर एक्यूप्रेशर की तरह काम करता है. एक्यूप्रेशर एक तरह की उपचार का तरीका है. कलाई में बंधा कलावा घर और जीवन में सुख और सौभाग्य लाने वाला होता है.
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